यह अभिलाषा थी राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण 'सरल' की। क्या... कौन श्रीकृष्ण सरल? यह हमारी विडंबना ही है कि जिस व्यक्ति ने सारा जीवन सिर्फ और सिर्फ क्रांतिकारियों के योगदान को हम तक पहुंचाने के लिए लगा दिया, जिसने अपने परिवार की खुशियां, पत्नी के गहने यहां तक कि स्वयं की जान भी दांव पर लगा दी, उसका आज हम परिचय पूछते हैं। हालांकि वो किसी परिचय का मोहताज नहीं, वह तो स्वयं परिचय है राष्ट्रनिष्ठा का, देशप्रेम का, श्रद्धा और समर्पण का।