चीन और पाकिस्तान ने भारत के एक बहुत बड़े भूभाग पर कब्जा कर रखा है। कश्मीर और लद्दाख के आधे क्षेत्र पर पाकिस्तान का कब्जा है। इसमें से पाकिस्तान ने एक छोटा हिस्सा चाइनो को गिफ्ट में भी दिया है। चाइना को गिफ्ट देने के बाद पाकिस्तान ने 2009 में बचे हुए पीओके के 2 टुकड़े कर दिए। एक का नाम गिलगित-बाल्टिस्तान, तो दूसरे का नाम आजाद कश्मीर रखा। दूसरी ओर चीन ने लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल, सिक्किम और अरुणाचल के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर रखा है। आओ जानते हैं कि POK का क्षेत्रफल कितना है, LOC और LAC में क्या है अंतर?
क्या है इंटरनेशनल बॉर्डर और कैसे बनी LOC और LAC?
इसे हिंदी में अंतर्राष्ट्रीय सीमा कहते हैं। यह दो देशों की एक्चुअल सीमा रेखा होती है जिस पर किसी भी प्रकार का कोई विवाद नहीं होता है। इसे दोनों देशों सहित सभी देश मान्यता देते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ ही LOC भी है। इसी प्रकार चीन के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ ही LAC भी है। भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, बर्मा, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका से लगती है। जब दो देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर कोई संघर्ष नहीं हो तो मामला बार्डर पर ही सुलझ जाता है परंतु यदि संघर्ष चलता हो तो फिर बनती है LOC और LAC। पाकिस्तान से 1947 में युद्ध के बाद LOC और चीन से 1962 के बाद LAC का निर्माण हुआ। दोनों देशों ने भारत की भूमि को हड़प कर रखा है। यानी भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान इन देशों के कब्जे में है और भारत की सेना वहां पर खड़ी है जहां पर युद्ध विराम की घोषणा कर दी गई।ALSO READ: क्या भारत POK पर करेगा हमला? क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र और वायरल भविष्यवाणी
LOC क्या है?
भारत विभाजन के बाद सभी रजवाड़ों सहित महाराजा हरिसिंह ने कश्मीर के भारत में विलय के संधि पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। कहा यह जाता रहा है कि महाराजा हरिसिंह के देरी से लिए गए निर्णय इसी दौरान 1948 में पाकिस्तान की सेना ने कबाइलियों के माध्यम से कश्मीर पर हमला करके जम्मू और कश्मीर में भीतर तक घुस आई। भारतीय सेना ने भी इस हमले का जवाब देना शुरू कर दिया और वह संपूर्ण कश्मीर को पूर्णरूप से कबाइलियों से मुक्त कराने का अभियान चलाया। भारतीय सेना ने श्रीनगर को बचा या और पाकिस्तानी फौज एवं कबाइलियों को पीछे धकेल दिया। फिर बर्फबारी का मौसम प्रारंभ होने के कारण दोनों सेना रुक गई। इसी मोर्चे को सीजफायर लाइन कहा गया। परंतु जवाहरलाल नेहरू के यूएन में जाने से युद्ध विराम की घोषणा के चलते जम्मू और कश्मीर 2 भागों में बंट गया। एक भारत पाकिस्तान के कब्जे में चला गया और दूसरा भारत ने जहां तक कब्जा छुड़ाया था वहां तक रहा। 1972 में शिमला समझौते के तहत इस सीजफायर लाइन को 'लाइन ऑफ कंट्रोल' यानी LOC कहा जाने लगा।
लाइन ऑफ कंट्रोल की लंबाई लगभग 740 किलोमीटर बताई जाती है। यह एक युद्ध विराम लाइन है। यह दोनों देशों की अंतर्राष्ट्रीय सीमा नहीं है। यह वह लाइन यहां पर दोनों देशों ने युद्ध लड़ना रोक दिया था। LOC का भारतीय भाग जोकि दक्षिणी और पूर्वी भाग है, जम्मू और कश्मीर के रूप में जाना जाता है। यह कश्मीर का लगभग 45 प्रतिशत हिस्सा है बाकी का हिस्सा पाकिस्तान की ओर है। LOC जम्मू के अखनूर सेक्टर से लेकर पाइंट NC 9842 तक फैली हुई है।ALSO READ: भारत कब करेगा पाकिस्तान पर हमला, जानिए ज्योतिष की सटीक भविष्यवाणी
POK का क्षेत्रफल कितना है: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का कुल क्षेत्रफल करीब 13,297 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा है। पीओके की सीमा पश्चिम में पाकिस्तान के पंजाब और खैबर पख्तून वाला से, उत्तर-पश्चिम में अफगानिस्तान के वखन कॉरिडोर, उत्तर में चीन के जिनजियांग ऑटोनॉमस रीजन और पूर्व में जम्मू-कश्मीर और चीन से मिलती है। पीओके को प्रशासनिक तौर पर 2 हिस्सों- आजाद कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में बांटा गया है।
मतलब यह कि पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान 2 क्षेत्र हो गए। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के पास अनुमानित 5,134 वर्ग मील यानी करीब 13 हजार 297 वर्ग किलोमीटर इलाका है। मुजफ्फराबाद इसकी राजधानी है और इसमें 10 जिले हैं, वहीं गिलगित बाल्टिस्तान में 28 हजार 174 वर्ग मील यानी करीब 72 हजार 970 वर्ग किलोमीटर इलाका है। गिलगित-बाल्टिस्तान में भी 10 जिले हैं। इसकी राजधानी गिलगित है। इन दोनों इलाकों की कुल आबादी 60 लाख के करीब बताई जाती है। मतलब यह कि गिलगित-बाल्टिस्तान, पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर का 85 प्रतिशत इलाका है।
फिर मार्च 1963 में पाकिस्तान ने पीओके के गिलगित-बाल्टिस्तान वाले हिस्से में से एक इलाका चाइना को गिफ्ट कर दिया। ये करीब 1,900 वर्ग मील से कुछ ज्यादा था।
LAC क्या है?
भारत और चीन के बीच जो नियंत्रण रेखा है उसे कहते हैं LAC। यह रेखा लद्दाख, कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है। यह भारत को अक्साई चीन से अलग करती है। LOC की ही तरह यह दोनों देशों का बॉर्डर नहीं है। यानी भारत के अनुसार अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा चीन के कब्जे वाले भाग के अंदर कहीं है। 1914 में अंग्रेजों ने कागज पर एक लकीर खींचकर भारत और पाकिस्तान की सीमा निर्धारित कर दी थी जिसे मैकमोहन लाइन कहा जाता है। अंग्रेजों ने जो समझौता चीन से किया था उसे भारत नहीं मानता। अंग्रेजों के जाने के बाद उतना क्षेत्र भारत कहलाएगा जो ब्रिटिश राज में था। लेकिन चीन और भारत ने सीमा को कभी सही तरह से चिन्हित नहीं किया गया। कोई बाड़ या पत्थर नहीं रखे गए। इसलिए दोनों देशों की सेनाएं पेट्रोलिंग करते हुए एक दूसरे के क्षेत्र में आ जाती थी। ALSO READ: भारत और पाकिस्तान की कुंडली में किसके ग्रह गोचर स्ट्रॉंग हैं, क्या मिलेगा PoK
जब चीन ने माओवादी क्रांति हुई तो उन्होंने तिब्बत पर कब्जा कर लिया। तब भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे। उन्होंने हिंदी चीनी भाई भाई का नारा दिया लेकिन चीन ने धोखा दिया और 1962 में भारत का जब चाइना से युद्ध हुआ तो चाइना ने मैकमहोन लाइन को क्रॉस करके भारत में घुस आए। उस समय भारत युद्ध के लिए तैयार नहीं था इसलिए हार का सामना करना पड़ा। चीन ने भारत के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया। युद्ध विराम के बाद जो जहां था वहीं ठहरा गया। जिस सेना का जहां कब्जा था वहीं लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी LAC निर्मित हुई। मैकमहोन लाइन पीछे छूट गई और चीन ने पर कब्जे वाले हिस्से को नाम दिया अक्साई चीन। यानी करीब 38 हजार किलोमीटर का एरिया चीन के कब्जे में है।
काराकोरम से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक LAC तीन हिस्सों में बंटी है। एक हिस्सा लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड से लगा हुआ है। नेपाल और भूटान के बीच वाला हिस्सा सिक्किम से लगता है और तीसरा हिस्सा अरुणाचल से लगता है। भारत के अनुसार कुल लंबाई 3,488 किलोमीटर है। चीन इसे भी नहीं मानता है और कहता है कि LAC 2,000 किमी ही लंबी है। इसी बात का दोनों देशों में झगड़ा है।
LAC पर 1993 में एक समझौते हुआ है। LAC एक बड़ा खाली क्षेत्र है। भारत और चीन के सैनिक इससे लगभग 50 से 100 किलोमीटर की दूरी बनाकर इसकी निगरानी करते हैं। दोनों देशों के सैनिक पेट्रोलिंग करते वक्त जब एक दूसरे से टकरा जाते हैं तब मामला तनातनी का होता है। LOC पर खूनी संघर्ष चलता रहता है कि जबकि गलवान जैसे एक दो झगड़ों को छोड़ दें तो LAC शांति बनी रहती है। ALSO READ: क्या भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होने वाला है, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र