हरिद्वार में देवताओं का गंगा स्नान

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कुंभ नगरी में गत दिवस पहाड़ के दूरदराज स्थित देवालयों के देवता भी नहाने जुटे।

इनके भक्तगण बकायदा देव डोलियों में सजाकर इनकी पालकी का प्रदर्शन करते ढोल-दमाऊ, तुरही गाजे बाजे के साथ नाचते गाते हुए जुलूस की शक्ल में 500 डोलियाँ दक्ष प्रजापति मंदिर से हर की पैड़ी के लिए निकली तो नजारा देखने लायक था। मनुष्यों के मोक्ष प्राप्त करने को पुण्य प्राप्ति के लिए स्नान के बाद देवताओं का गंगा स्नान कौतुहल का विषय भी रहा।

इन देवडोलियों में से अधिकांश गढ़वाल मण्डल के दूरदराज के क्षेत्रों से लाई गई थी। जौनसार भावर व कुमाऊँ के दूरदराज के देवताओं की देव डोलियाँ भी इसमें शामिल थीं। बद्रीनाथ जी का ध्वज देवडोलियों के आगे-आगे स्नान के लिए चल रहा था तो अन्य देवता भी इस मौके पर भक्तजनों के कंधे पर सजी पालकी में सवार हो हरिद्वार में गंगा स्नान को लेकर पधारे।

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इनका स्नान सम्पन्न होने के बाद अब यह तमाम यात्रा मार्ग में पड़ने वाले शहरों में भक्तगणों के द्वारा इनके भव्य स्वागत को स्वीकारने के बाद अपने स्थलों में चले जाएँगे।

कुंभ में यह पहली बार हुआ कि देवताओं की डोलियों को स्नान कराया गया। इसके पीछे हालाँकि विहिप आरएसएस से जु़ड़े संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा गठित संस्थाएं मुख्य रूप से सक्रिय दिखीं। लेकिन यह आयोजन सभी के लिए भावनाओं का सवाल भी बनकर रह गया। लोगों ने इन देव डोलियों के दर्शन की जहाँ बाट जोही, वहीं इनकी जुलूस की शक्ल में जाने वाली देवयात्रा पर भी अपनी श्रद्घा अर्पित की।

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