संगम के कुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश करते समय 'गंगे तव दर्शनात् मुक्ति' पढ़ने के साथ ही मन पूरी तरह से आध्यात्मिकता के रंग में रंग जाता है। मेले में कहीं साधु-संतों के पंडालों से उठती भजन कीर्तन की मधुर ध्वनियां हैं तो कहीं विद्वानों के प्रवचन। कहीं लंगर चल रहा है तो कहीं दान महोत्सव।
रंग-बिरंगी हिन्दुस्तानी पोशाकों में सजे विदेशी पर्यटक राम और कृष्ण की भक्ति में लीन हैं, तो भारत के कोने-कोने से आए भक्त गंगा मैया के जयकारे लगाते संगम की ओर जाने वाले रेतीले मार्ग पर नंगे पांव चले जा रहे हैं। पता नहीं कौनसी मुक्ति किन्तु गंगा तट पर पहुंचने और पुण्य स्नान करने की शीघ्रता प्रत्येक देशी-विदेशी पर्यटक की मस्तीभरी चाल में नजर आती है।
रोजमर्रा की जिन्दगी से अलग एक और दिनचर्या जहॉ सिर्फ मोक्ष की चाह है और कुछ भी नहीं। क्या है? क्यों है? ऐसे सभी तर्क-वितर्क इस आस्था के आगे बौने लगने लगते हैं। बस ऐसा लगता है, मानो पूरा विश्व इस सांस्कृतिक उत्सव में सम्मिलित होने के लिए आ गया हो। दुनिया के इस विशालतम एवं सनातन आयोजन का सौभाग्य प्रयाग के साथ उत्तरप्रदेश को भी प्राप्त है। भगवान राम, कृष्ण एवं बुद्ध के जीवन-दर्शन की निर्मल धाराएं भी इसी प्रदेश में बहती हैं।
गंगा स्नान के बाद भक्तों का एक समूह पैदल चलते हुये त्रिवेणी मार्ग पर बने पर्यटन विभाग के प्रदर्शनी पंडाल में पहुंचता है, और अभिभूत हो उठता है। भारतीय जीवन-दर्शन के अनेक रंग इस प्रदर्शनी में एक साथ दिखाई देते हैं। उसे ऐसा प्रतीत होता है मानों वह उत्तरप्रदेश की ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक त्रिवेणी से रूबरू हो रहा हो।
अद्भुत भारत-अद्वितीय उत्तरप्रदेश थीम के अंतर्गत पर्यटन विभाग, उत्तरप्रदेश द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी के पंडाल में पर्यटकों को विविधतापूर्ण नायाब स्थानों को एक ही स्थान पर देखने-समझने का सुअवसर प्राप्त होता है। इस क्रम में विश्व धरोहर के रूप में ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, बृजभूमि, वाराणसी, विन्ध्य, बौद्ध स्थलों के नयनाभिराम चित्रों को देखकर उत्तरप्रदेश के समृद्धशाली इतिहास की जानकारी पर्यटकों को आसानी से मिल जाती है।
प्रदर्शनी का एक भाग जहां कपिलवस्तु, सारनाथ, श्रावस्ती, संकिसा, कौशाम्बी और कुशीनगर जैसे विश्व विखयात बौद्ध केन्द्रों को समर्पित है तो दूसरी ओर ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, मथुरा, वृन्दावन, गोकुल, बरसाना, बटेश्वर, कुसुम सरोवर, गोवर्धन छतरी और झांसी, चित्रकूट, महोबा, देवगढ़, ललितपुर, बरूआसागर जैसे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के ज्ञात-अज्ञात स्थानों से परिचित कराने का प्रयास किया गया है।
प्रदर्शनी में वाराणसी, विन्ध्याचल, सोनभद्र, जौनपुर, चुनार, लखनऊ, नैमिषारण्य, देवाशरीफ, अयोध्या, ब्रहमावर्त, बिठूर, दुधवा आदि स्थानों के चित्रों के माध्यम से उत्तरप्रदेश की बहुरंगी झांकी प्रस्तुत की गयी है। देशी-विदेशी पर्यटक उत्तरप्रदेश के किसी भी तीर्थ स्थल के बारे में विस्तृत जानकारी यहां उपस्थित पर्यटन विभाग के अधिकारियों से प्राप्त कर सकते हैं।
बाबूलाल गौर ने त्रिवेणी में डुबकी लगाई : मध्यप्रदेश के मंत्री बाबूलाल गौर ने अपने परिवार के साथ त्रिवेणी में डुबकी लगाई। उनके साथ उनकी बहु और भोपाल की मेयर कृष्णा गौर परिवार तथा विभागीय प्रमुख सचिव की 11 सदस्यों की टीम के साथ पिछले दो दिनों से इलाहाबाद और उत्तरप्रदेश के धार्मिक स्थलों के दौरे पर है। संगम में डुबकी लगाने के बाद गौर स्वामी अवधेशानंद जी के यहां भी गए।
गौर ने प्रयागराज कुंभ में सुरक्षा व्यवस्था का भी जायजा लेते हुए पुलिस कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया। प्रयागराज कुंभ में सुरक्षा के नजरिए से 65 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो 365 डिग्री के कोण में घूम सकते हैं और हर किसी पर नजर रख सकते हैं।
पीएसी जवानों ने चार को बचाया : कुंभ मेला क्षेत्र में उत्तरी झूँसी में अपर संगम मार्ग घाट पर नहाते समय गंगा नदी में डूब रहे 4 व्यक्तियों को उत्तराखण्ड पीएसी की बाढ़ राहत कम्पनी के जवानों ने साहस का परिचय देते हुए उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। पुलिस की सजगता व त्वरित कार्यवाही से 4 व्यक्ति डूबने से बच गए।
2 बजे भारी संखया में लोग स्नान कर रहे थे कि अचानक कृष्णा (19) पुत्र कमल किशोर निवासी रायबरेली व चम्पा (60) पत्नी बब्लू विश्वकर्मा प्रतापगढ़, अतुल त्रिपाठी (22) पुत्र रामकृष्ण त्रिपाठी, अंशुमन त्रिपाठी (24) पुत्र कश्यप त्रिपाठी निवासी इलाहाबाद गहरे पानी में अचानक बहाव में बहने लगे। ड्यूटी पर तैनात कम्पनी कमांडर हीरा सिंह , मुकेश भट्ट, प्रवीण चौहान व प्रवीण नेगी ने पानी में कूदकर चारों को बाहर निकाला।
सुरक्षा व्यवस्था को समझने पहुंची महाराष्ट्र पुलिस : दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन प्रयागराज कुंभ के लिए हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था यूपी पुलिस ने की है। हर किसी पर नजर रखने और व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां पर 24 घंटे कुंभ क्षेत्र के हर कोने पर नजर रखी जा रही है और हर वक्त कंट्रोल रूम के 30 फोन लाइनें चालू रहती हैं।
इसी व्यवस्था को समझने के लिए महाराष्ट्र पुलिस की एक टीम भी इलाहाबाद पहुंची और सुरक्षा व्यवस्था को समझने की कोशिश कर रही है। इस टीम का नेतत्व कर रहे है महाराष्ट्र पुलिस के उपाधीक्षक सुनील सांवत, जिनके साथ महाराष्ट्र पुलिस के चार और अधिकारी है।