2. एकादशी पर दातून (मंजन), पेस्ट करने की मनाही है। इस निषेध के शास्त्रसम्मत कारण नहीं मिलते हैं। लेकिन इस दिन लकड़ी की छाल दातून के प्रयोग में लानी चाहिए, ऐसी मान्यता है।
3. एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए, इस दिन स्त्रीसंग करना वर्जित है, क्योंकि इससे मन में विकार उत्पन्न होकर प्रभु भक्ति से ध्यान भटक जाता है।
4. इस दिन क्रोध, हिंसा, जुआ, झूठ, चोरी, परनिंदा, किसी की चुगली नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है। तथा कई बार अपमानित भी होना पड़ सकता है।
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