Aalha Udal Story : वर्ष 2024 में आल्हा जयंती 25 मई, शनिवार को मनाई जा रही है। आइए जानते हैं कि आल्हा उदल की कहानी। आल्हा उदल की पौराणिक कथा के अनुसार आल्हा और ऊदल दो भाई थे। ये बुंदेलखंड के महोबा के वीर योद्धा और परमार के सामंत थे।
बुंदेली इतिहास में आल्हा-ऊदल का नाम बड़े ही आदरभाव से लिया जाता है। क्योंकि इन दोनों भाइयों ने दिल्ली के तत्कालीन शासक पृथ्वीराज चौहान से युद्ध किया था और इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को हारना पड़ा था, क्योंकि आल्हा को मां शारदा का आशीर्वाद प्राप्त था, अतः पृथ्वीराज चौहान की सेना को पीछे हटना पड़ा था। लेकिन इस युद्ध के पश्चात आल्हा के मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया और उन्होंने संन्यास ले लिया था।
मान्यतानुसार इस युद्ध में उनके भाई उदल को वीरगति प्राप्त हुई थी। पृथ्वीराज चौहान के साथ आल्हा की आखरी लड़ाई थी, जिसमें आल्हा ने पृथ्वीराज को जीवनदान दिया था।
आल्हा खंड नामक काव्य रचना में इन वीरों की गाथा वर्णित है। इस ग्रंथ के अनुसार आल्हा और उदल इन दोनों वीरों के 52 लड़ाइयों का वर्णन किया गया है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।