नीम करोली बाबा का जीवन परिचय और 5 शुभ संदेश

WD Feature Desk

बुधवार, 11 सितम्बर 2024 (15:45 IST)
Neem Karoli Baba
Highlights 
 
कौन थे नीम करोली बाबा।
नीम करोली बाबा का परिचय।
नीम करोली बाबा के संदेश जानें। 

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Neem Karoli Baba जीवन परिचय : नीम करोली बाबा का जन्म उत्तरप्रदेश के अकबरपुर गांव में 1900 के आसपास हुआ था। उनका वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था। उन्हें 17 वर्ष की उम्र में ही सभी प्रकार के ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी। उनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था।

नीम करोली बाबा का विवाह 11 वर्ष की उम्र में ही हो गया था। सन् 1958 में बाबा ने अपना गृह त्याग दिया और साधुओं की भांति पूरे उत्तर भारत में विचरण करने लगे। उन्हें लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा, तिकोनिया वाले, कम्बल वाले बाबा सहित कई नामों से जाना जाता है। वे बाल्यावस्था से ही हनुमान जी के उपासक थे। 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में उन्होंने अपने शरीर का त्याग किया था। 
 
यहां जानते हैं उनके द्वारा दिए गए 5 खास संदेश : 
 
1. नीम करोली बाबा के अनुसार भगवान की पूजा करने से मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अतः प्रतिदिन सुबह दैनिक कर्मों से निवृत्त होकर गंगाजलयुक्त पानी से स्नान करके जगत के पालनहार श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। 
 
2. नीम करोली बाबा कहते हैं कि हर व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए, क्योंकि रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तथा ब्रह्म मुहूर्त में पूजा-पाठ और मंत्र जाप करने से ईश्वर की विशेष कृपा उक्त व्यक्ति पर होती है।
 
3. प्रति‍दिन खाने से पूर्व भोजन का पहला निवाला गौ माता को देने की सलाह नीम करोली बाबा देते हैं। वे कहते हैं गौ माता में देवी-देवताओं का वास होता है। अत: गौ माता को भोजन देने से देवी-देवताओं की कृपा उस व्यक्ति पर बरसती है। और निरंतर धन की वृद्धि होती है। 
 
4. बाबा की मानें तो वे कहते हैं कि व्यक्ति को मौन रहने की कला सीखनी चाहिए, इससे ऊर्जा की हानि नहीं होती बल्कि अंतर्मन में ऊर्जा एकत्रित होती है। इससे व्यक्ति अपने जीवन में परिपक्व होने के साथ ही विवेकवान और बुद्धिमान बनता है।
 
5. मनुष्य को सभी के लिए मन में प्रेम का भाव रखना चाहिए और प्रेम के साथ-साथ सेवा भाव तथा हमेशा सच बोलना चाहिए, क्योंकि जिस जातक का व्यक्त्तिव अच्छा होता है वह समाज में सम्मान का धनी होता है। 

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