प्रेमानंद महाराज ने गृहस्थ जीवन से पहले जीवनसाथी से कौन से सवाल पूछने की दी सलाह

WD Feature Desk

मंगलवार, 20 मई 2025 (13:44 IST)
premanand maharaj ke pravachan: प्रेमानंद महाराज के वृन्दावन स्थित आश्रम में भक्त एकांतिक वार्तालाप के माध्यम से सीधे सवाल कर अपनी जिज्ञासा का समाधान प्राप्त करते हैं। ये प्रश्न व्यावहारिक और सामाजिक जीवन से जुड़े होते हैं और जिनके जवाब देकर महाराज भक्तों के मन का संशय जान कर उसका समाधान करते हैं। ऐसे ही एक भक्त ने एकांतिक वार्तालाप में प्रेमानंद जी महाराज से एक महत्वपूर्ण प्रश्न पूछा। इस प्रश्न के सन्दर्भ में प्रेमानंद महाराज ने जो उत्तर दिया वो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। आइये जानते हैं वो सवाल और उसका जवाब:

भक्त ने पूछा जीवनसाथी से जुड़ा सवाल:
एकांतिक वार्तालाप में एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से सवाल किया कि गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने से पहले अपने जीवनसाथी से ऐसे कौन से सवाल पूछने चाहिए, जिससे यह पता चल सके कि वह हमारे अनुकूल है या नहीं?" इस जिज्ञासा के उत्तर में प्रेमानंद जी ने एक गहरा और व्यावहारिक मार्गदर्शन दिया, जो आज के युवाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

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प्रेमानंद महाराज ने क्या दिया जवाब
प्रेमानंद जी ने इस प्रश्न का उत्तर देते हुए सबसे पहले ईश्वर की शरण में जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना, अनुकूल जीवनसाथी की पहली कुंजी है। किसी भी सांसारिक प्रयास से पहले, भक्त को ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए। यह प्रार्थना इस प्रकार होनी चाहिए, "हे भगवान, हमें ऐसा जीवन साथी मिले जो हमारे मनोनुकूल हो और जो धर्म के अनुसार चले।"

इसके पीछे का तर्क देते हुए प्रेमानंद जी ने कहा कि सांसारिक व्यक्ति अपनी इच्छाओं और स्वार्थों के कारण सत्य छुपा सकता है या झूठ बोल सकता है। बाहरी दिखावे और ऊपरी बातों से किसी के वास्तविक स्वभाव और मूल्यों का पता लगाना मुश्किल हो सकता है। केवल सर्वज्ञानी ईश्वर ही जानता है कि वास्तव में कौन किसके लिए उपयुक्त है और कौन धर्म के मार्ग पर चलने वाला है।

प्रेमानंद जी ने स्वयं पवित्र बनने की दी सलाह
प्रेमानंद जी ने एक और महत्वपूर्ण बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आजकल पवित्र बने रहना बहुत मुश्किल है, लेकिन यही सच्चे जीवनसाथी को आकर्षित करने की कुंजी है। उनका कहना था, "इसलिए पहले खुद आप पवित्र बनिए।" जब व्यक्ति स्वयं धार्मिक और नैतिक मूल्यों का पालन करता है, तो वह स्वाभाविक रूप से उसी प्रकार के जीवनसाथी को आकर्षित करता है।

उन्होंने यह भी कहा कि जब आप स्वयं पवित्र हृदय से ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि आपको एक ऐसा जीवनसाथी मिले जो धर्म के अनुसार चले, तो भगवान खुद-ब-खुद आप तक उस व्यक्ति को पहुंचा देंगे। यह एक गहरा आध्यात्मिक सत्य है कि जैसे बीज बोए जाते हैं, वैसा ही फल मिलता है। यदि आप धार्मिकता और पवित्रता का जीवन जीते हैं, तो आपका जीवनसाथी भी उसी प्रकार का होगा।

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