कुछ लोगों की मान्यता के अनुसार तुलसीदासजी का जन्म संवत 1589 में उत्तर प्रदेश के वर्तमान बांदा जनपद के राजापुर नामक गांव में हुआ था। हालांकि अधिकतर मत 1554 में जन्म होने का संकेत करते हैं। उनका जन्म स्थान कुछ लोग सोरो बताते हैं। कुछ के अनुसार उनका जन्म 1532 ईस्वी में हुआ और सन् 1623 ईस्वी में उनकी मृत्यु हो गई।
तुलसीदास के जन्म को लेकर एक दोहा प्रचलित है।
पंद्रह सै चौवन विषै, कालिंदी के तीर,
सावन सुक्ला सत्तमी, तुलसी धरेउ शरीर।
इनकी मृत्यु के सन्दर्भ में भी एक दोहा प्रचलित है।
संवत् सोलह सौ असी, असी गंग के तीर।
श्रावण शुक्ला सप्तमी, तुलसी तज्यो शरीर।।
2. तुलसीदासजी जब चित्रकूट में रहते थे, तब जंगल में शौच करने जाते थे। वहीं एक दिन उन्हें एक प्रेत नजर आया। उस प्रेत ने ही बताया था कि हनुमानजी के दर्शन करना है तो वे कुष्ठी रूप में प्रतिदिन हरिकथा सुनने आते हैं। तुलसीदासजी ने वहीं पर हनुमानजी को पहचान लिया और उनके पैर पकड़ लिए।