दिगंबर जैन मुनि तरुण सागरजी ने देश के शिक्षित और चरित्रवान लोगों से राजनीति में सक्रिय होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा है कि उनके पलायन की वजह से ही राजनीति में बुरे लोगों के आने का रास्ता साफ हुआ है। मुनि तरुण सागरजी ने भोपाल विधानसभा के सभागार में जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति अछूत नहीं है।
अच्छे लोगों को राजनीति को अछूत नहीं मानकर आगे आना चाहिए। ऐसे लोगों के राजनीति में सक्रिय रहने से बुराइयाँ समाप्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश और समाज सुधार की जिम्मेदारी संतों और जनप्रतिनिधियों की है और उन्हें इस जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए।
दूर रहें भ्रष्टाचार से : उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में भ्रष्टाचार सभी दूर फैल गया है। इसकी वजह यह भी है कि प्रत्येक व्यक्ति सिर्फ इसे कोसता है। इसे दूर करने के लिए स्वयं के स्तर पर भी प्रयास होना चाहिए। उन्होंने राजनेताओं को भी नसीहत दी कि वे भ्रष्टाचार से दूर रहते हुए आम लोगों की भलाई के लिए काम करें। उन्होंने विधायकों को सदन में बेहतर आचरण करने के साथ ही जनहित से जुड़े मुद्दे उठाने की सीख भी दी।
स्नातक ही लड़ें चुनाव : उन्होंने सुझाव दिया कि राष्ट्र को विकसित बनाने के लिए संविधान संशोधन के जरिए यह व्यवस्था की जाना चाहिए कि कम से कम स्नातक शिक्षा प्राप्त व्यक्ति ही चुनाव लड़ सके। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को पड़ोसी धर्म का पालन करना चाहिए। इसका आशय यह हुआ कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने पड़ोसियों का दुख दूर करने में मदद करनी चाहिए।
राजनीति न करें संत : मुनिश्री ने कहा कि देश में सुधार के उद्देश्य से अब संतों को लोकसभा और विधानसभाओं में प्रवचन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संतों को राजनीति नहीं करना चाहिए। कोई भी व्यक्ति संत और राजनीतिज्ञ एक साथ नहीं हो सकता। उसे किसी एक मार्ग पर चलने का निश्चय करना चाहिए।