4 eclipses will occur in India this year : इस साल सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की चाल से एक पूर्ण सूर्यग्रहण समेत 4 ग्रहण लगेंगे, हालांकि उज्जैन की एक प्रतिष्ठित वेधशाला का यह पूर्वानुमान भारत के खगोलप्रेमियों को निराश कर सकता है कि देश में इनमें से एक भी खगोलीय घटना निहारी नहीं जा सकेगी।
ग्रहणों का सिलसिला उपच्छाया चंद्रग्रहण से : शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बुधवार को बताया कि इस साल ग्रहणों का सिलसिला 25 मार्च को लगने वाले उपच्छाया चंद्रग्रहण से शुरू होगा। गुप्त ने बताया कि नववर्ष का यह पहला ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा, क्योंकि इस खगोलीय घटना के वक्त देश में दिन का समय होगा।
उपच्छाया चंद्रग्रहण उस समय लगता है, जब पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा चंद्रमा 'पेनुम्ब्रा' (धरती की परछाई का हल्का भाग) से होकर गुजरता है। इस समय चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक तौर पर कटी प्रतीत होती है और ग्रहण को चंद्रमा पर पड़ने वाली धुंधली परछाई के रूप में देखा जा सकता है। उपच्छाया चंद्रग्रहण के वक्त पृथ्वीवासियों को पूर्णिमा का चंद्रमा पूरा तो दिखाई देता है, लेकिन उसकी चमक कहीं खोई-खोई नजर आती है।
सूर्यग्रहण भी भारत में नहीं दिखेगा : गुप्त ने बताया कि 8 और 9 अप्रैल की दरम्यानी रात लगने वाला पूर्ण सूर्यग्रहण भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि 18 सितंबर की सुबह लगने वाला आंशिक चंद्रग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। इसी तरह 2 और 3 अक्टूबर की दरम्यानी रात लगने वाले वलयाकार सूर्यग्रहण के नजारे से भी देश के खगोलप्रेमी वंचित रहेंगे।
गुप्त ने बताया कि वलयाकार सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना कुल 7 मिनट 21 सेकंड चलेगी और इसकी चरमावस्था पर सूर्य का 93 प्रतिशत फीसद हिस्सा ढंक जाएगा जिससे सौरमंडल का मुखिया पृथ्वीवासियों को चमकदार कंगन की तरह दिखाई देगा। हाल ही में समाप्त वर्ष 2023 पूर्ण सूर्यग्रहण, उपच्छाया चंद्रग्रहण, वलयाकार सूर्यग्रहण और आंशिक चंद्रग्रहण की 4 खगोलीय घटनाओं का गवाह बना था।(भाषा)