मुख्य कार्यक्रम इंदौर के अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में हुआ, जिसे पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया गया है। शाह ने अन्य राज्यों से पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू करने के लिए मध्य प्रदेश की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है, जब देश स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा। इसमें एनईपी की अहम भूमिका होगी। विकसित राष्ट्र बनने के लिए शिक्षा की नींव मजबूत करनी होगी और प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 25 वर्षों की जरूरतों को पूरा करने वाली एनईपी लाकर दूरदर्शिता का परिचय दिया है।
गृह मंत्री ने कहा, एनईपी न केवल हमारे छात्रों को दुनिया के लोगों के बराबर खड़ा करेगा, बल्कि देश की संस्कृति को भी एकजुट करेगा। यह मात्रा पर नहीं, बल्कि गुणवत्ता पर केंद्रित है और छात्रों को अलग तरीके से सोचने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने छात्रों के लाभ के लिए हिंदी में मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए भी मध्य प्रदेश की प्रशंसा की।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार सहित अन्य लोग मौजूद थे। यादव ने कहा कि इन कॉलेज की स्थापना 450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से की गई है। अधिकारियों के अनुसार, इन कॉलेजों में सभी पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति के अनुसार पेश किए जाएंगे और वे रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करेंगे।