आर्ट ऑफ़ लिविंग संयोजक सुश्री आरती जी तथा सुश्री विशाखा जी ने जानकारी दी कि इस अकादमी में खेलों की जानकारी के साथ ग्रामीण और शासकीय विद्यालयों के विद्याथियों को खोखो, कराटे, कबड्डी का निःशुल्क प्रशिक्षण भी दिया गया।
कार्यक्रम के अंर्तगत सुबह 10:00 बजे गणपति होम के साथ श्री श्री खेल अकादमी का उद्घाटन हुआ और दोपहर में खेलों के प्रशिक्षण के साथ पारंपरिक खेल सितोलिया, पतंगबाजी, गिल्ली डंडा इत्यादि भी खेले गए एवं घी गुड़ की खिचड़ी और कड़ी का प्रसाद मिश्रण कार्यक्रम भी बांटा गया और सभी सामान्य भक्तगण को आमंत्रित किया गया।
आज के समय में युवाओं के बीच धार्मिक पर्व का महत्व समझाना ज़रूरी है जिससे इन त्योहारों का उत्साह लोगों के बीच बना रहे। साथ ही विभिन्न खेलों के ज़रिए संक्रांति पर्व का महत्व बताया गया। आज के समय में भारतीय पर्व और उनकी परंपरा को बनाए रखना ज़रूरी है जिससे आने वाले समय में भी युवाओं के बीच भारतियों त्यौहार का उत्साह बना रहे।