इस होम के दौरान पंडितों ने ऋषि मार्केंडेय द्वारा रचित देवी महात्म्य ग्रन्थ दुर्गा सप्तशती में वर्णित विभिन्न तरह की आराधना, स्तुति व क्षमा याचना स्त्रोत का भी सरल हिंदी के संक्षेप में वर्णन किया। इस वर्णन में बताया कि 'किस तरह जगत जननी मां जो सब से ममता रखती है उससे भक्त कहता है कि में कुछ नही जानता और मुझे कुछ नहीं चाहिए। केवल आपका पावन सानिध्य ही मेरे लिए पर्याप्त है।'
संस्था द्वारा बताया गया गत वर्ष शहर के सफाई कर्मचारियों की तथा दृष्टिहीन 1008 बालिकाओं के पूजन का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था इस परंपरा का आगे बढ़ते हुए इस वर्ष ओमनी रेजीडेंसी में आयोजित इस कार्यक्रम में रविवार को मूकबधिर बालिकाओं के पूजन, दंपति पूजा, अश्व पूजन किया तत्पश्चात चण्डी हवन में पूर्णाहुति और प्रसादी वितरण किया गया जिसमें हजारों की संख्या में भक्तगणों ने उपस्थित रहे कर लाभ उठाया।