DAVV के IET रैगिंग कांड में सनसनीखेज खुलासा, नेपाल जैसे जेन-जी तांडव का था प्‍लान, ये स्‍टूडेंट थे साजिश में शामिल

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 30 सितम्बर 2025 (14:11 IST)
इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के IET इंजीनियरिंग कॉलेज में रैगिंग की आड़ में एक बड़ी साजिश को अंजाम देने का खुलासा सामने आया है। प्राथमिक जांच में सामने आया कि यहां भी नेपाल जैसे जेन- जी विद्रोह की तैयारी की जा रही थी। समय रहते इस मामले की जांच हो गई और पूरा प्‍लान सामने आ गया।

बता दें कि मामले को गंभीरता से लेते हुए इस खुलासे के बाद जांच कमेटी ने मुख्य आरोपियों पर एफआईआर और साइबर सेल से जांच की सिफारिश की है। बता दें कि यह खुलासा एंटी रैगिंग की जांच के दौरान सामने आया है।

ये थी छात्रों की प्‍लानिंग : बता दें कि पिछले दिनों इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (IET) में रैगिंग का मामला सामने आया था। इस केस की जांच की जा रही थी। इसकी जांच रिपोर्ट सौंपी है। यह जांच एंटी रैगिंग कमेटी की थी। रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनके अनुसार, सीनियर छात्रों ने फर्स्ट ईयर के छात्रों पर नेपाल के चर्चित जेन-जी विरोध की तरह विश्वविद्यालय में आंदोलन खड़ा करने का दबाव बनाया था।

क्‍या सामने आया जांच में : जांच में यह बात सामने आई है कि सीनियर छात्रों ने नए विद्यार्थियों को डरा-धमकाकर फर्जी ईमेल और ट्विटर अकाउंट बनाने के लिए मजबूर किया था।  छात्रों को सीनियर्स के संदेशों को रीट्वीट करने और विशेष हैशटैग को वायरल करने का काम सौंपा गया था। जब कुछ छात्रों ने इसका विरोध किया, तो उन्हें 'बैच आउट' करने (कॉलेज से निकलवाने) की धमकी दी गई।

सबूत मिटाने के लिए किया ये काम : रिपोर्ट के मुताबिक सीनियर छात्र अमन पटेल के कहने पर फर्स्ट ईयर के छात्र विवेक शर्मा ने अन्य छात्रों के मोबाइल से व्हाट्सएप मैसेज डिलीट करवाए ताकि डिजिटल सबूतों को मिटाया जा सके। छात्रों पर कम से कम दो ट्विटर अकाउंट और एक फर्जी जीमेल अकाउंट बनाने का भी दबाव डाला गया। इन सभी अवैध गतिविधियों के लिए "सीनियर इंट्रोडक्शन" नामक व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल किया गया, जिसे फर्स्ट ईयर के छात्र उमंग अग्रवाल ने बनाया था।

क्‍या सिफारिश की कमेटी ने : एफआईआर और साइबर सेल जांच हो एंटी रैगिंग कमेटी ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से सिफारिश की है कि सभी दोषी छात्रों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाए। इन पर रैगिंग, धमकाने, फर्जी आईडी बनवाने, विश्वविद्यालय विरोधी माहौल बनाने और डिजिटल साक्ष्य मिटाने जैसे गंभीर आरोप हैं। कमेटी ने मुख्य रूप से अमन पटेल, आदर्श मकवाना, आदित्य शर्मा, अनुज पटेल और उमंग अग्रवाल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, साइबर सेल से जांच कराकर रेस्टोरेंट में मौजूद अन्य छात्रों की पहचान कर उन पर भी सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

कौन कौन छात्र शामिल हैं साजिश में : एंटी रैरिंग जांच कमेटी ने पाया कि IET के छात्र शिवसागर रेस्टोरेंट में मिले थे, जहां सीनियर्स ने हॉस्टल नियमों की आड़ में जूनियर्स पर दबाव बनाया। इस बैठक में मुख्य आरोपी अमन पटेल के साथ आदर्श मकवाना, आदित्य शर्मा, सुनील अहिरवार, नमन पांडे, यशश्वी मिश्रा और धवल चौधरी जैसे कई अन्य छात्र शामिल थे। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि अमन पटेल ने हॉस्टल के सीसीटीवी कैमरे तोड़ने की भी बात कही थी। इस साजिश में अमन का छोटा भाई अनुज पटेल भी शामिल था, जो अवैध रूप से हॉस्टल में रहकर अपने भाई के लिए जासूसी और मुखबिरी का काम कर रहा था।
Edited By: Navin Rangiyal

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