इंदौर। नोटबंदी के करीब छह महीने से अधिक बीतने के बाद मंगलवार को एक युवक पांच लाख रुपए के अमान्य नोट लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा और इन्हें मान्य नोटों से बदलने में मदद की गुहार की।
प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में जन सुनवाई (आम लोगों की समस्याएं दूर करने के लिए प्रशासन की साप्ताहिक गतिविधि) के दौरान नीलेश सोलंकी ने जिलाधिकारी पी. नरहरि के सामने 5,00 और 1,000 के बंद नोटों की गडि्डयां रख दीं। इनमें 1,000.1,000 रुपए के 205 बंद नोट शामिल हैं, जबकि 590 अमान्य नोट 500.500 रुपए के हैं।
युवक ने जिलाधिकारी से कहा कि वह करीब पांच लाख रुपए के इन बंद नोटों को तय समय सीमा में कुछ कारणों से बदलवा नहीं सका। लिहाजा इन्हें बदलवाने में उसकी मदद की जाए। नरहरि ने कहा कि मामला पहली नजर में संदेहास्पद लग रहा है और वे इसकी जांच करा रहे हैं। जांच के बाद मामले में उचित कदम उठाया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत आठ नवंबर की रात अपने टेलीविजन संदेश में घोषणा की थी कि 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोट अब वैध मुद्रा नहीं रहेंगे।