इंदौर में कल से हो रही बारिश ने एक बार फिर से यहां की पोल पट्टी उजागर कर दी है। कई इलाकों में पानी भर गया है, कई इलाके जलमग्न हो गए है। ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। कुल मिलाकर एक बार फिर से प्रशासन की बारिश पूर्व की तैयारी पूरी तरह से फेल साबित हुई है। स्मार्ट सिटी के नाम पर विकसित किए जा रहे इंदौर में 4 इंच बारिश के बाद बदहाली नजर आने लगी है।
बता दें कि शहर में बुधवार रात से तेज बारिश हो रही है। 12 घंटे के अंदर लगभग 4 इंच पानी गिरा है। इस बारिश ने एक बार फिर इंदौर की निचली बस्तियों और मुख्य सड़कों को जलमग्न कर दिया। रातभर हुई बारिश से कई इलाकों में पानी भर गया, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सुबह होते ही बस्तियों में घुटनों तक पानी भर गया और सड़कें नदियों जैसी नजर आने लगीं।
नगर निगम की लापरवाही उजागर : नगर निगम की जल निकासी व्यवस्था पर सवाल उठते हुए नागरिकों ने कहा कि हर साल यही समस्या दोहराई जाती है, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं निकला। निचली बस्तियों राजेन्द्र नगर, आजाद नगर, बाणगंगा, मूसाखेड़ी और साउथ तोड़ा क्षेत्र में सबसे ज्यादा पानी भरने की खबर है। कई घरों में पानी घुसने से लोगों का सामान खराब हो गया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।
सड़कों पर भरा पानी, ट्रैफिक में जाम : बारिश के चलते शहर की यातायात व्यवस्था भी पूरी तरह अस्त-व्यस्त रही। कई जगह वाहन बंद हो गए और लोगों को गाड़ियों को धक्का लगाकर निकालना पड़ा। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के आसपास भी पानी भरने से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। बायपास, सुपर कारिडोर पर भी सड़कों पर पानी भरा रहा। देवास नाका और निपानिया वाले इलाके में तो लोगों को कई बार रास्ते बदलकर आफिस तक पहुंचने के लिए मशक्कत करना पड़ी।
24 घंटे तेज बारिश का अलर्ट: मौसम विभाग ने इंदौर में अगले 24 घंटे तक तेज बारिश की संभावना जताई है। प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए राहत और बचाव दलों को तैयार रहने को कहा है। निगम अमला भी प्रभावित इलाकों से पानी निकासी में जुटा हुआ है।
कमजोर व्यवस्थाओं ने खडा किया संकट : आम रहवासियों का मानना है कि इंदौर की ऐसी हालत पहले कभी नहीं हुई जो अब पिछले कुछ सालों में हो रही है। शहर के तेजी से फैलते विस्तार और कमजोर ड्रेनेज सिस्टम की वजह से थोड़ी-सी तेज बारिश भी जनजीवन को संकट में डाल देती है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि जलभराव वाले इलाकों में न निकलें।
Edited By: Navin Rangiyal