इंदौर में अपनी राजनीति चमकाने के लिए नेता और उनके कार्यकर्ता कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। धार्मिक आयोजनों में भी नेता और उनके समर्थक कार्यकर्ता अपने फोटों से पटे द्वार और होर्डिंग्स बीच सड़कों पर लगा रहे हैं। शहर में तकरीबन हर जगह विघ्नहर्ता गणेशजी के आयोजन के लिए लगाए गए पंडालों के आगे आयोजकों ने स्वागत गेट या द्वार लगा रखे हैं, जिन पर नेतानगरियों के फोटों लगाए गए हैं।
इस संबंध में चर्चा करने के लिए वेबदुनिया ने महापौर भार्गव से लेकर निगम आयुक्त शिवम वर्मा और ट्रैफिक डीसीपी अरविंद तिवारी तक को कई बार कॉल किए गए, लेकिन तीनों ही अधिकारियों ने कॉल रिसीव नहीं किया और न ही किसी तरह का रिस्पॉन्स किया गया। ऐसे में शहर के इस संवेदनशील समस्या के सुधार की उम्मीद किस जिम्मेदार से की जाए।
आभार-स्वागत ने बदहाल किया ट्रैफिक : यह गेट तकरीबन सड़कों पर ठोक दिए गए हैं, जिससे पहले से ही बदहाल इंदौर का ट्रैफिक और ज्यादा बदहाल हो गया है और आम लोग 24 घंटे ट्रैफिक की इस फजीहत का शिकार हो रहे हैं। पहले ही खराब ट्रैफिक, कीचड़ और पानी से सनी सड़कें और यातायात की बदहाली की वजह से लोग भयावह तरह से परेशान हैं, ऐसे में विभिन्न पंडालों के आगे स्वागत और आभार संदेशों के साथ लगाए गए ये द्वार लोगों के लिए मुसीबत और परेशानी का सबब बन गए हैं। सवाल यह है कि विघ्नहर्ता की भक्ति करने के लिए किए जा रहे इन आयोजनों में स्वागत और आभार के लिए आयोजक ये द्वार लगाकर शहर के ट्रैफिक में क्यों विघ्न डाल रहे हैं।
वेबदुनिया ने जब शहर के तमाम क्षेत्रों में पहुंचकर जब प्रमुख पंडालों की पड़ताल की तो सामने आया कि कई पंडालों के आगे आयोजकों ने गेट लगाकर यातायात में विघ्न डाल दिया है।
कहां कहां लगे पंडाल के आगे द्वार : बता दें कि शहर में जयराम पुर चौराहा, कलेक्ट्रेट कार्यालय, हरसिद्धि मंदिर, पंढरीनाथ, आडा बाजार, नंदलालपुरा सब्जीमंडी, सियागंज, छोटी ग्वालटोली, जेलरोड और छावनी में लगे गणेशजी पंडाल के आगे इस तरह के स्वागत गेट लगा रखे हैं।
पूरे शहर में ट्रैफिक चरमराया : जेलरोड पर लगभग पूरे दिन जाम की स्थिति होती है। ऐसे में गेट ने यहां और ज्यादा मुश्किलें पैदा कर दी है। ठीक यही हालात हरसिद्धि मंदिर और पंढरीनाथ पर होती है। सियागंज, छोटी ग्वालटोली में आम दिनों में भयंकर जाम की स्थिति होती है,ऐसे में इस वक्त त्योहार के दिनों में और पंडालों के सामने गेट की वजह से स्थिति और ज्यादा दयनीय हो गई है। पूरा ट्रैफिक रेंग रेंगकर चल रहा है।
महापौर से आयुक्त तक कोई नहीं दे रहा जवाब : इस संबंध में चर्चा करने के लिए वेबदुनिया ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव से संपर्क करने के लिए उनके पीए शरद व्यास को तीन बार कॉल किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इतने कॉल के बाद भी उनकी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा को दो बार कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने भी कॉल रिसीव नहीं किया। इसके बाद ट्रैफिक डीसीपी अरविंद तिवारी से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने भी कॉल नहीं उठाया। न ही इन तीनों अधिकारियों ने बाद में कॉल बैक किया। ऐसे में सवाल यह है कि जिम्मेदार शहर के ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बात करने के लिए भी तैयार नहीं है तो शहर की बदहाली के बारे में क्या सुधार होने की उम्मीद की जाए।
क्या अनुमति लेते हैं ये आयोजन : बता दें कि आए दिन धार्मिक जुलूस शहर के ट्रैफिक का कचूमर निकाल देते हैं। कई राजनीतिक और सांस्कृतिक आयोजन तो बगैर अनुमति के ही आयोजित हो जाते हैं। आए दिन कई इलाकों में एक तरफ की रोड को ब्लॉक कर के भजन संध्या, भंडारे और कई तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं। ऐसे में जनता मर मर के सडकों से गुजरती हैं। कई बार मरीज को अस्पताल ले जाने वाली एंबुलेंस फंस जाती है। लेकिन इन पर जिम्मेदार विभाग और अधिकारी न तो संज्ञान लेता है और ही किसी तरह की चेतावनी या कार्रवाई की जाती है। सवाल यह है कि ये सारे आयोजन किस की अनुमति से होते हैं, आखिर आम आदमी की परेशानी शहर के प्रशासन को क्यों नजर नहीं आती। कलेक्टर से लेकर आयुक्त और महापौर इन मुद्दों पर ध्यान क्यों नहीं देते। हाल ही में हाईकोर्ट ने सभी जिम्मेदारों को कोर्ट बुलाकर ट्रैफिक की बदहाली पर सवाल जवाब किए थे और कोर्ट ने सुझाव भी दिए थे, लेकिन स्थिति आज भी ढाक के तीन पात है। रिपोर्ट : नवीन रांगियाल