इस उपलक्ष में डॉ जनक पलटा ने कहा कि 'स्वच्छ खाना पकाने का एक खुला अवसर सोलर थर्मल कुकर ऐसे उपकरण हैं जो भोजन पकाने और पानी को पास्चुरीकृत करने के लिए सीधे सूर्य की ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं ताकि यह पीने के लिए सुरक्षित हो। वे दुनिया में कहीं भी स्वच्छ खाना पकाने के लिए एक व्यवहार्य दृष्टिकोण हैं।'
जनक पलटा एक बहाई पायनियर के रूप में 1985 में ग्रामीण महिलाओं के लिए बरली ग्रामीण विकास संस्थान शुरू करने के लिए इंदौर आईं जहां उन्होंने ब्रिटेन से भारत में आजीवन बहाई सेवा को समर्पित अपने पति जिम्मी मगिलिगन के साथ सबसे बड़े पहले सोलर कम्युनिटी किचन और सोलर कुकिंग करने, सिखाने, बनाने की स्थापना की। स्थानीय स्तर से 1000 से अधिक गांवों में सोलर खाना पकाना और पर्यावरण संरक्षण, महिलाओं को धुआन्मुक्त करना आज तक जारी है। साथ ही रष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोलर कुकिंग को आगे बढ़ाया।
वह सोलर थर्मल कुकर में प्रशिक्षण और सोलर कुकिंग और खाद्य प्रसंस्करण के साथ-साथ कई स्टार्ट अप को बढ़ावा देकर ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के अपने 39 वर्षों के अनुभव को साझा करेंगी। डॉ जनक पलटा ने संयुक्त राष्ट्र और जी20 और भारत में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय और सरकारी बैठकों में सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सौर थर्मल कुकर के महत्व की वकालत की। उन्होंने ISES के सहयोग से इंदौर में विश्व का पहला सोलर फूड सम्मेलन इंदौर में किया।
ISES ने नवीकरणीय ऊर्जा के इतिहास के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में सोलर कुकिंग को प्रमुखता और मान्यता देते हुए अपनी स्मारक पुस्तिका 'द सेंचुरी ऑफ सोलर-स्टोरीज़ एंड विजन ऑफ रिन्यूएबल एनर्जी' में डॉ जनक पलटा मगिलिगन का नाम 200 नवीकरणीय ऊर्जा पायनियर्स में भारत में सोलर कुकिंग के क्षेत्र में एकमात्र महिला पायनियर का नाम दर्ज़ कर उनके योगदान को सम्मानित किया है।
ISES ने सोलर वर्ल्ड कांग्रेस में अपनी पहली अंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा सोसाइटी (आईएसईएस) की 50वीं वर्षगांठ मनाने के दौरान, इस पुस्तक को 2020 में सोलर के दौरान जारी किया था। द सेंचुरी ऑफ सोलर-स्टोरीज़ एंड विजन ऑफ रिन्यूएबल एनर्जी ISES SWC50 भारत की एकमात्र सोलर कुकिंग पायनियर का उल्लेख पृष्ठ संख्या 181 पर देख सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप यह कार्यक्रम इनकी वेबसाइट पर देख सकते हैं।