विजयवर्गीय ने बम के ऐन वक्त पर पाला बदल करके भाजपा का दामन थामने के उस कदम की ओर इशारा करते हुए यह बात कही। बम के नाम वापस लेने के कारण ही इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी विहीन हो गई थी। इसके बाद शहर में 2.18 लाख से ज्यादा लोगों ने नोटा के पक्ष में मतदान किया और इसका भी रिकॉर्ड बन गया।