कार्यक्रम में जनक दीदी से सस्टेनेबल डेवलपमेंट में प्रशिक्षित और उनसे जुड़े हुए, इंदौर से स्वाहा रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड से रोहित अग्रवाल, ज्वलंत शाह के साथ 15 पुरुष- महिलाएं, राहेजा सोलर फूड प्रोसेसिंग की श्रीमती बबीता राहेजा के साथ 8 पुरुष-महिलाएं, लेफ्टिनेंट कर्नल अनुराग शुक्ला, राजेंद्र सिंह, कीर्ति सिक्का, राजेन्द्र ओचनी, प्रो. राजीव संगल, दिलीप वाघेला, गौरव नागर, भारत सिंह आई टी विशेषज्ञ, जीवांश, सुनील चौहान और युवा साथियों ने सोलर कुकिंग कर 22 प्रकार के व्यंजन बनाए और महिला-पुरुष समानता, पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में महिलाओं की परिवार और देश में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए अपने हाथ से खाना बना कर सभी महिलाओं को सम्मान से परोस कर प्रेरणादायी और विशिष्ट महिला सशक्तिकरण और नवाचार का जश्न मनाया।
जब भोजन तैयार किया जा रहा था, तब सेंटर की निदेशक डॉ. श्रीमती जनक पलटा मगिलिगन ने बोगनविलिया, पलाश के फूल, पोई, पारिजात के फूल, संतरे के छिलके और चुकंदर प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल होली के रंग बनाने का तरीका सिखाया, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों की रक्षा के लिए प्राकृतिक और गैर-विषाक्त विकल्पों का उपयोग करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
जनक दीदी ने एक बहाई उद्धरण साझा किया 'मानवता की दुनिया के दो पंख हैं- एक महिला और दूसरा पुरुष। जब तक दोनों पंख समान रूप से विकसित नहीं होते, पक्षी उड़ नहीं सकता। हम सभी को परस्पर प्रेम और सद्भाव से रहते हुए स्वस्थ और प्रसन्न जीवन जीना, सभी पुरुषों और महिलाओं को महिलाओं को बराबरी पर लाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा हालांकि पुरुष महिला समान हैं, लेकिन इस समानता का मतलब एकरूपता नहीं है। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं, इसलिए उनमें से किसी को भी एक-दूसरे से खतरा महसूस नहीं होना चाहिए। दोनों को घर, काम करने की जगह, देश और पूरी दुनिया को रहने के लिए बेहतर जगह बनाना है। जिम्मी एंड जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट के ट्रस्टी वरिष्ठ समाजसेवी वीरेंद्र गोयल जी ने इस अनूठे प्रयास के लिए बहुत प्रशंसा की सभी को बहुत धन्यवाद दिया।