इस दौरान प्रतिपक्ष के नेता चिंटू चौकसे और अन्य विपक्षी पार्षदों ने भाटिया की कथित आत्महत्या को लेकर हंगामा किया। चौकसे ने कहा कि नगर निगम अपनी खराब माली हालत के कारण ठेकेदारों को लंबे समय से भुगतान नहीं कर पा रहा है और अगर यही आलम रहा तो आने वाले दिनों में अन्य परेशान ठेकेदारों को भी खुदकुशी करनी पड़ सकती है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने निगम परिषद सम्मेलन से इतर एक बयान में इस बात को खारिज किया कि नगर निगम की ओर से भाटिया को उनके बकाया भुगतान के लिए परेशान किया गया। उन्होंने कहा कि नगर निगम अप्रैल से नवंबर तक भाटिया को करीब 22 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुका है और उनकी फर्म को लगभग 14 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना बाकी है।(भाषा)