महाप्रसादी की शुरुआत से पहले पूजा-पाठ की गई। हनुमान चालीसा और मंत्रों के उच्चारण के बीच कैलाश विजयवर्गीय भी इसमें शामिल हुए। पूजा के बाद आयोजन के मुखिया कैलाश विजयवर्गीय ने हर व्यवस्था का जायजा लिया। इतना ही नहीं, विजयवर्गीय ने खुद श्रद्धालुओं को प्रसाद की परोसगारी भी की।
18 साल से ग्रहण नहीं किया अन्न : बहुत कम लोग जानते थे कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीते 18 सालों से अन्न का एक दाना तक नहीं ले रहे थे। उनकी यह तपस्या हनुमानजी के लिए थी, जो पूरी हो गई है। 28 फरवरी को उन्होंने 'पितरेश्वर हनुमान धाम' में हनुमानजी की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अपने गुरु शरणानंद के हाथों अन्न ग्रहण किया था।