एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश कुमार व्यास ने बताया कि इनमें से एक विद्यालय अपने छात्र-छात्राओं को खुद ही पोशाक और पाठ्यपुस्तक बेच रहा था, जबकि दूसरा विद्यालय उन्हें बाध्य कर रहा था कि वे केवल दो दुकानदारों से पोशाक एवं पाठ्यपुस्तकें खरीदें।
उन्होंने बताया कि पोशाक और पाठ्यपुस्तकों की बिक्री के इस एकाधिकार को लेकर अभिभावकों से शिकायतें मिलने के बाद दोनों विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। व्यास ने बताया कि नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर जिलाधिकारी आशीष सिंह ने दोनों विद्यालयों पर मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम के तहत दो-दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।