छत्रपति शिवाजी महाराज की 10 अनसुनी बातें

WD Feature Desk
10 facts about shivaji maharaj: तिथि अनुसार छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती आज मनाई जा रही है। छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में आज भी कई ऐसी बातें हैं जो कम लोग ही जानते होंगे। ऐसे कई अनसुनी बातें हैं जिनको कम लोगों ने ही सुना होगा। आओ जानते हैं ऐसी ही 10 खास बातें।
 
ALSO READ: छत्रपति शिवाजी महाराज के अष्टप्रधान मंडल के सदस्यों का परिचय
 
छत्रपति शिवाजी महाराज की 10 अनसुनी बातें:-
1. छत्रपति शिवाजी महाराज धनुष और बाण चलाना जानते थे। 
 
2. छत्रपति शिवाजी महाराज की समुद्री सेना भी थी। अपने प्रारंभिक चरण में, शिवाजी ने एक दुर्जेय नौसैनिक बल के महत्व को पहचानकर इसका गठन किया था। उन्होंने डच, पुर्तगाली और ब्रिटिश जैसे विदेशी आक्रमणकारियों के साथ-साथ समुद्री डाकुओं को रोकने के लिए एक शक्तिशाली नौसेना का निर्माण किया।
 
शिवाजी महाराज ने विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और कई अन्य स्थानों पर नौसैनिक किलों का निर्माण किया, और उन्होंने चार अलग-अलग प्रकार के युद्धपोतों का निर्माण किया, जिनमें मंजूहास, पाल, गुरब और गैलीबाट शामिल थे। इसलिए, उन्हें भारतीय नौसेना के पिता के रूप में सम्मानित किया जाता है।
 
3. छत्रपति शिवाजी महाराज की जीवनी उनके आधिकारिक आदेश से लिखी गई थी। उनकी जीवनी को परमानंद गोविंद निवासकर ने लिखी थी।
ALSO READ: श्रीमंत छत्रपति शिवाजी महाराज की 5 अनसुनी बातें
 
4. छत्रपति शिवाजी महाराज ने मराठी की थिसारस के निर्माण का आदेश दिया था। 
 
5. शिवाजी महाराज ने उनके राज्याभिषेक पर कैलेंडर का निर्माण भी कराया था।
 
6. ऐसे प्रचलित है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के अफजल खां को शेर के नाखुन से मार दिया था परंतु उनकी जीवन में उल्लेख मिलता है कि उन्होंने अफजल खान को एक छोटी तलवार से मारा था।
 
7. पन्हाला किले की घेराबंदी से भागने में शिवाजी कामयाब हो गए थे। जब शिवाजी महाराज सिद्दी जौहर की सेना द्वारा पन्हाला किला में फंस गए थे, तब इससे बचकर निकलने के लिए उन्होंने एक योजना तैयार की और फिर उन्होंने 2 पालकियों की व्यवस्था की जिसमें एक नाई शिव नहावीं को बिठा दिया जो शिवाजी की तरह ही  दिखता था और उसे किले से बाहर का नेतृत्व करने के लिए जाने को कहा। इतने में शत्रुओं के सैनिक नकली पालकी के पीछे चले गए और इस तरह से वह 600 सैनिकों को चकमा देकर शिवाजी भागने में कामयाब हो गए।
Chhatrapati Shivaji Maharaj jayanti
8. छत्रपति शिवाजी महाराज मां तुलजा भवानी के भक्त थे। ऐसे कहते हैं कि उनके पास जो तलवार थी उसे माता ने स्वयं दिया था।
 
9. बचपन में शिवाजी अपनी आयु के बालक इकट्ठे कर उनके नेता बनकर युद्ध करने और किले जीतने का खेल खेला करते थे। बड़े होकर छत्रपति शिवाजी महाराज ने 8 वर्षों में 260 किलों पर विजय प्राप्त की थी। 
 
ALSO READ: छत्रपति शिवाजी की जयंती पर निबंध
 
10. कहते हैं कि छत्रपति शिवाजी ने ही भारत में पहली बार गुरिल्ला युद्ध का आरम्भ किया था। उनकी इस युद्ध नीती से प्रेरित होकर ही वियतनामियों ने अमेरिका से जंगल जीत ली थी। इस युद्ध का उल्लेख उस काल में रचित 'शिव सूत्र' में मिलता है। गोरिल्ला युद्ध एक प्रकार का छापामार युद्ध। मोटे तौर पर छापामार युद्ध अर्धसैनिकों की टुकड़ियों अथवा अनियमित सैनिकों द्वारा शत्रुसेना के पीछे या पार्श्व में आक्रमण करके लड़े जाते हैं।
 

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख