...और नाम पड़ गया 'आजाद'

- न्यूजीलैंड से रोहित कुमार 'हैप्पी'


चन्द्रशेखर बचपन से ही महात्मा गांधी से प्रभावित थे। वे बचपन से स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने लगे थे। गांधीजी के 'असहयोग आंदोलन' के दौरान उन्होंने विदेशी सामानों का बहिष्कार किया। इसी असहयोग आंदोलन के दौरान उन्हें पहली बार 15 वर्ष की आयु आंदोलनकारी के रूप में पकड़ लिया गया और जब मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया गया और नाम पूछा गया तो उन्होंने कहा 'आजाद'।
 
'तुम्हारे पिता का क्या नाम है?' 
 
उत्तर मिला, 'स्वाधीनता।'
 
'तुम्हारा घर कहां पर है?'
 
उत्तर मिला, 'जेलखाना।'
 
अल्पायु के कारण चंद्रशेखर को कारावास का दंड न देकर बालक चन्द्रशेखर को 15 कोड़ों का दंड दिया गया।
 
चन्द्रशेखर हर कोड़े की मार पर 'भारतमाता की जय!', 'वंदेमातरम्', 'महात्मा गांधी की जय' का उद्घोष करते रहे। बस तभी से उनका नाम चन्द्रशेखर 'आजाद' पड़ गया।
 
*लेखक इंटरनेट पर विश्व की सबसे पहली हिन्दी पत्रिका 'भारत-दर्शन' के संपादक हैं।
 

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