24 जनवरी: होमी जहांगीर भाभा की पुण्यतिथि, जानें उनके बारे में रोचक तथ्य

Homi J. Bhabha
 

 
HIGHLIGHTS
 
• भारत ने पोखरण में 18 मई 1974 को पहला भूमिगत परमाणु परीक्षण किया था।
• होमी जहांगीर भाभा का सपना था भारत परमाणु शक्ति संपन्न बने। 
• भारत के प्रख्यात वैज्ञानिक और स्वप्नदृष्टा की मृत्यु 24 जनवरी 1966 को हो गई।
 
जन्म : 30 अक्टूबर, 1909
निधन- 24 जनवरी 1966

Homi Bhabha : आज 24 जनवरी को डॉ. होमी जहांगीर भाभा की पुण्यतिथि है। वे ही एक शख्स थे, जिन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की कल्पना की और भारत को परमाणु शक्ति संपन्न तथा वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रसर होने का मार्ग प्रशस्त किया।
 
आइए यहां जानते हैं उनके बारे में खास बातें... 
 
1. डॉ. होमी जहांगीर भाभा का जन्म मुंबई में 30 अक्टूबर 1909 को एक पारसी परिवार में हुआ। उनके पिता जहांगीर भाभा एक जाने-माने वकील थे। 
 
2. होमी भाभा की मुंबई के कैथेड्रल स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा हुई। और आगे की शिक्षा जॉन केनन स्कूल में हुई। 
 
3. वे शुरू से ही गणित और भौतिक विज्ञान में खास रुचि रखते थे। उन्होंने 12वीं की पढ़ाई करने के बाद रॉयल इस्टीट्यूट ऑफ साइंस से बीएससी की परीक्षा पास की। 
 
4. होमी भाभा आगे की पढ़ाई के लिए वर्ष 1927 में इंग्लैंड गए और वहां कैंब्रिज विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की परीक्षा उत्तीर्ण की। 
 
5. उन्होंने जर्मनी में कॉस्मिक किरणों का अध्ययन किया और उन पर अनेक प्रयोग किए। 
 
6. सन् 1933 में डॉक्टरेट कि उपाधि मिलने से पहले भाभा ने अपना रिसर्च पेपर 'द अब्जॉर्वेशन ऑफ कॉस्मिक रेडिएशन' शीर्षक से जमा किया। इसमें उन्होंने कॉस्मिक किरणों की अवशोषक और इलेक्ट्रॉन उत्पन्न करने की क्षमताओं को प्रदर्शित किया। इस शोध पत्र के लिए उन्हें वर्ष 1934 में ‘आइजैक न्यूटन स्टूडेंटशिप’ मिली थीं।
 
7. उन्होंने सन् 1934 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की।
 
8. वर्ष 1939 में भारत लौटने के पश्चात भाभा बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से जुड़ गए और सन् 1940 में रीडर के पद पर नियुक्त हुए। 
 
9. उन्होंने कॉस्मिक किरणों की खोज के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में एक अलग विभाग की स्थापना की। 
 
10. उनकी कॉस्मिक किरणों पर खोज के चलते उन्हें विशेष ख्याति मिली और सन् 1941 में रॉयल सोसाइटी का सदस्य चुना गया। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए सन् 1944 में उन्हें मात्र 31 वर्ष की उम्र में प्रोफेसर बना दिया गया।
 
11. डॉ. होमी जहांगीर भाभा बहुमुखी प्रतिभा के धनी होने के साथ-साथ उन्हें मूर्तिकला, शास्त्रीय संगीत, चित्रकला और नृत्य आदि क्षेत्र में उनकी गहरी रुची और पकड़ भी थी। 
12. भारत के महान वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता सर सी.वी. रामन उन्हें ‘भारत का लियोनार्डो डी विंची’ कहा करते थे।
 
13. डॉ. भाभा ने मात्र मुट्ठी भर वैज्ञानिकों की सहायता से परमाणु क्षेत्र में अनुसंधान का कार्य शुरू किया तथा समय से पहले ही परमाणु ऊर्जा की क्षमता और अलग-अलग क्षेत्रों में उसके उपयोग की संभावनाओं की परिकल्पना कर ली थी। उस समय जब नाभिकीय ऊर्जा से विद्युत उत्पादन की कल्पना को कोई भी मानने को तैयार नहीं था। 
 
14. होमी बाबा को इसी वजह से 'भारतीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का जनक' कहा जाता है।
 
15. डॉ. होमी भाभा एक परमाणु भौतिकी विज्ञान के ऐसे चमकते सितारे थे, जिनका नाम सुनते ही भारतवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। भारत के इस प्रमुख वैज्ञानिक होमी भाभा का निधन एक विमान दुर्घटना में 24 जनवरी 1966 को हुआ था।
 
16. भारत ने वर्ष 1957 में मुंबई के करीब ट्रांबे में पहला परमाणु अनुसंधान केंद्र स्थापित किया। और सन् 1967 में इसका नाम भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र कर दिया गया। यह देश की ओर से होमी भाभा को विनम्र श्रद्धांजलि थी। बता दें कि एक विशिष्ट नाभिकीय अनुसंधान संस्थान के रूप में इस संस्थान ने अपनी पहचान स्थापित की है।

ALSO READ: National Girl Child Day 2024: कब और क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय बालिका दिवस, जानें महत्व, इतिहास और थीम

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी