मदर टेरेसा के 10 अनमोल वचन

प्रस्तुति - ऋषि गौतम



आधुनिक समय में मानव जीवन में सेवा की सार्थकता,सकारात्मक देखनी है तो मदर टेरेसा का जीवन दर्शन देखें।

असाधारण व्यक्तित्व की धनी,ममता और मानवता की मूर्ति का नाम ही मदर टेरेसा है। मदर टेरेसा में जीवन से हमें ममता के विराट स्वरूप का दर्शन होता है। उनका हृदय समुद्र की गहराई लिए और विशालता हिमालय की ऊंचाई जैसी थी।

मदर का अपना स्वरूप नीले रंग के पाड़ की साड़ी,पूरी आस्तीन का ब्लाउज,गले में लटका क्रास चिन्ह। भारतीय वेषभूषा में मदर टेरेसा के इस सरल व प्रेम से ओत-प्रोत व्यक्तित्व से प्रभावित होकर स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कभी कहा था- नम्रता और प्रेम की क्षमता का बहुत कुछ अनुभव तो मदर टेरेसा के दर्शन से ही हो जाता है।

वास्तव में पीड़ित मानवता के प्रति करुणा से ओतप्रोत मदर टेरेसा ने अपनी कर्मभूमि भारत को ही नहीं बल्कि सारी दुनिया की मानवता को अपने ममतामयी आंचल की छांव में समेट लिया था।

पढ़ें मदर टेरेसा के के 10 अनमोल वचन-



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- जिस व्यक्ति को कोई चाहने वाला न हो,कोई ख्याल रखने वाला न हो, जिसे हर कोई भूल चुका हो,मेरे विचार से वह किसी ऐसे व्यक्ति की तुलना में जिसके पास कुछ खाने को न हो,कहीं बड़ी भूख,कही बड़ी गरीबी से ग्रस्त है।



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- यदि हमारे मन में शांति नहीं है तो इसकी वजह है कि हम यह भूल चुके हैं कि हम एक दूसरे के हैं।



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- यदि आप सौ लोगों को नहीं खिला सकते तो एक को ही खिलाइए।



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- शांति की शुरुआत मुस्कराहट से होती है।



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- जहां जाइए प्यार फैलाइए जो भी आपके पास आए वह और खुश होकर लौटे।



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- सबसे बड़ी बीमारी कुष्ठ रोग या तपेदिक नहीं है ,बल्कि अवांछित होना ही सबसे बड़ी बीमारी है।



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- चमत्कार यह नहीं की हम यह काम करते हैं बल्कि यह है कि ऐसा करने में हमें खुशी मिलती है।



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- प्यार की भूख को मिटाना रोगी के भूख को मिटाने से कहीं ज्यादा जरूरी है।



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- अकेलापन सबसे भयानक गरीबी है।



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- यदि आप चाहते हैं कि आपका प्रेम संदेश सुना जाए तो उसे बार-बार कहें,जैसे दीये को जलाए रखने के लिए बार-बार उसमें तेल डालते रहना जरूरी है।

मदर टेरेसा के यह विचार ही उनके पूरे जीवन की कहानी कहते हैं। उनके जन्मदिवस पर उनके वचनों से सीख लेकर हम भी मानवता की सेवा का संकल्प लें।

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