Maharaja Agrasen: अपने अद्वितीय शासन के लिए जाने जाते हैं महाराजा अग्रसेन, जानें उनकी महानता से जुड़ी 5 खास बातें

WD Feature Desk
सोमवार, 22 सितम्बर 2025 (09:02 IST)
Maharaja Agrasen Jayanti 2025: History of Agrawal community: महाराजा अग्रसेन का जन्म आश्विन शुक्ल प्रतिपदा को हुआ था तथा इस बार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 2025 में उनकी जयंती 22 सितंबर, सोमवार को मनाई जाएगी। अग्रवाल समुदाय के जनक होने के नाते महान महाराजा अग्रसेन का जन्मोत्सव अग्रवाल समाज द्वारा मनाया जाएगा। 

महाराजा अग्रसेन भारतीय इतिहास के एक महान व्यक्तित्व थे, जिनका जीवन और आदर्श आज भी हमें बहुत कुछ सिखाते हैं। उनके बारे में हमें मुख्य रूप से निम्नलिखित बातें जाननी चाहिए:ALSO READ: Navratri 2025: माता के इस मंदिर में चढ़ता है 12 दिन के नवजात से लेकर 100 साल के बुजुर्ग तक का रक्त, जानिए कौन सा है मंदिर
 
1. अग्रवाल समुदाय के जनक हैं: महाराजा अग्रसेन को अग्रवाल समुदाय का जनक माना जाता है। उन्होंने अग्रोहा नामक एक समृद्ध गणराज्य की स्थापना की थी और अपने 18 पुत्रों के नाम पर 18 गोत्रों की स्थापना की, जो आज भी अग्रवाल समुदाय में प्रचलित हैं।
 
2. समाजवाद से प्रेरित विचारधारा: वे एक ऐसे राजा थे जिन्होंने अपने राज्य में किसी भी तरह की गरीबी या अभाव को स्वीकार नहीं किया। उनका सबसे प्रसिद्ध सिद्धांत 'एक रुपया, एक ईंट' का था। जब भी कोई नया व्यक्ति उनके राज्य में बसने आता था, तो हर नागरिक उसे एक रुपया और एक ईंट देता था। इससे वह व्यक्ति बिना किसी कठिनाई के अपना घर और व्यापार शुरू कर सकता था। यह सिद्धांत सामाजिक समानता और सामूहिक जिम्मेदारी का एक अद्भुत उदाहरण था।
 
3. अहिंसा और करुणा के समर्थक: महाराजा अग्रसेन ने अपने जीवन में 18 महायज्ञ किए। जब वे अंतिम यज्ञ कर रहे थे, तो उन्हें यज्ञ में पशु बलि दी जाती देखकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने तुरंत यज्ञ को बीच में ही रोक दिया और घोषणा की कि उनके राज्य में किसी भी जीव की बलि नहीं दी जाएगी। उन्होंने अहिंसा के सिद्धांत को अपने शासन का आधार बनाया।
 
4. एक आदर्श राज्य के निर्माणकर्ता: उनका अग्रोहा गणराज्य व्यापार और वाणिज्य का एक प्रमुख केंद्र था। उन्होंने एक ऐसी व्यवस्था बनाई थी जहां कोई भी व्यक्ति गरीब नहीं था। अगर किसी का व्यापार घाटे में चला जाता था, तो समाज मिलकर उसकी मदद करता था ताकि वह फिर से उठ खड़ा हो सके। यह एक सच्चा जनकल्याणकारी राज्य था।
 
5. देवी मां लक्ष्मी के परम भक्त: महाराजा अग्रसेन को देवी लक्ष्मी का परम भक्त माना जाता था। ऐसी मान्यता है कि देवी लक्ष्मी ने उन्हें दर्शन देकर यह वरदान दिया था कि जब तक वे अहिंसा के मार्ग पर चलकर अपने राज्य का संचालन करेंगे, उनके राज्य में हमेशा धन-धान्य की समृद्धि रहेगी।
 
अत: संक्षेप में यह कहा जा सकता हैं कि महाराजा अग्रसेन को सिर्फ एक राजा के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसे दूरदर्शी नेता के रूप में जानना चाहिए जिन्होंने धन और समृद्धि को समाज की सामूहिक भलाई से जोड़कर एक अद्वितीय शासन मॉडल प्रस्तुत किया। उनका जीवन हमें नैतिकता, करुणा और सामाजिक एकता का पाठ सिखाता है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Agrasen Jayanti 2025: 'एक रुपया एक ईंट' के प्रणेता महाराजा अग्रसेन कौन थे, जानें उनके जीवन की कहानी और वीरता के किस्से
 

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख