DART MISSION: ‘नासा’ 23 नवंबर को क्‍या करेगा, क्‍या धरती को कोई खतरा है?

सोमवार, 8 नवंबर 2021 (12:16 IST)
हॉलीवुड की कई फि‍ल्‍मों में धरती को बचाने के मिशन दिखाए जाते हैं। लेकिन अगर हम यह कहें कि दुनिया की सबसे बड़ी वैज्ञानिक संस्‍था ‘नासा’ भी अब धरती को बचाने के लिए मिशन को अंजाम देना चाहती है यह खबर निश्‍चित तौर पर रोमांचित करेगी।

दरअसल, नासा धरती को क्षुद्रग्रहों से बचाने के लिए एक मिशन लॉन्च करने जा रही है, जिसको DART MISSION नाम दिया गया है। इस मिशन के तहत नासा क्षुद्रग्रह को टक्कर मारकर नष्ट करने की योजना पर काम कर रहा है। ऐसा करने पर क्‍या खतरा होगा, नासा यह काम कैसे करेगा, यह सब जानना दिलचस्‍प होगा। पहले जानते हैं आखि‍र क्‍या है Dart Mission.

DART का अर्थ है डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट (The Double Asteroid Redirection Test) यह परीक्षण इसलिए किया जा रहा है क्‍योंकि वैज्ञानिकों को यह आशंका है कि फ्यूचर में कोई एस्टेरॉयड धरती की ओर बढ़ सकता है, अगर ऐसा होता है तो क्या उसे नष्ट करने के लिए DART तकनीक काम आ सकती है या नहीं।

हालांकि ऐसा मानना है कि धरती को भविष्य में ऐसे किसी एस्टेरॉयड से कोई खतरा तो नहीं है, लेकिन नासा फिर भी यह परीक्षण कर रहा है। DART मिशन के तहत नासा 24 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से एक अंतरिक्ष यान को एक एस्टेरॉयड से टकराएगा। नासा ने इसे प्लानेट्री डिफेंस नाम दिया है।

इस पूरे मिशन पर 33 करोड़ डॉलर यानी करीब 2500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नासा के विशेषज्ञों के मुताबिक हालांकि अभी तक ऐसे किसी एस्टेरॉयड के बारे में जानकारी नहीं है, जिससे आने वाले समय में धरती को नुकसान पहुंच सकता है, लेकिन यह सही बात है कि धरती के नजदीक अंतरिक्ष में बड़ी संख्या में एस्टेरॉयड मौजूद हैं।

DART अंतरिक्ष यान को नवंबर के महीने में ही लॉन्च करने की योजना है। इसे स्पेस एक्स फाल्कन 9 (SpaceX Falcon 9) रॉकेट से स्थानीय समय के अनुसार 23 नवंबर को रात 10.20 बजे कैलिफोर्निया के वंदेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से लॉन्च किया जाएगा।

वैज्ञानिकों का कहना है इनमें से किसी भी क्षुद्रग्रह से धरती को कोई खतरा नहीं है। लेकिन डार्ट मिशन के परीक्षण के लिए ये सबसे उपयुक्त निशाना हैं। क्योंकि इस पूरी घटना को धरती से टेलीस्कोप के जरिए देखा जा सकता है। इस टक्कर की तस्वीर भी ली जा सकेगी। इसके लिए इटैलियन स्पेस एजेंसी का सैटेलाइट डार्ट अंतरिक्ष यान के साथ भेजा जा रहा है।

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