Positive story: आयरन लंग्स चल रही थी सांस, 60 साल से थे मशीन में बंद, ऐसी हालत में ही लिख डाली किताब
गुरुवार, 7 अक्टूबर 2021 (18:43 IST)
दुनिया प्रेरणा देने वाली तो कई कहानियां आपने सुनी होगी, लेकिन पॉल अलेक्जेंडर की कहानी सुनकर आप दंग रह जाएंगे। पॉल अलेक्जेंडर अमेरिकी लेखक है। पॉल 60 साल से एक मशीन के अंदर बंद हैं और उन्होंने इस मशीन के अंदर लेटे-लेटे ही लॉ की पढ़ाई कर ली और एक मोटिवेशनल बुक भी लिख डाली। सबसे दिलचस्प और चौंकाने वाली बात यह है कि पॉल के लिए हिलना भी बहुत मुश्किल होता है। उन्होंने दूर रखे की-बोर्ड को प्लास्टिक की स्टिक से चलाकर यह किताब लिखी है।
6 साल की उम्र में पॉल पोलियो के शिकार हो गए थे और अब उनकी उम्र 75 पार कर चुकी है. पोलियो होने के कारण वे पहले ही मुश्किल जिंदगी गुजार रहे थे, उस पर कुछ समय बाद दोस्तों के साथ खेलते समय लगी चोट ने उनकी जिंदगी दुरूह कर दी। वे ना तो चल पाते थे और ना ही खा-पी पाते थे। फिर पता चला कि पोलियो के कारण उनके फेंफड़ों में समस्या हो रही है और वे इस कारण सांस नहीं ले पा रहे थे।
इसके बाद उनके जीवित रहने का एक ही उपचार था कि वे आयरन लंग्स की मदद से सांस लें। उस समय लकवा के शिकार रोगियों को इनकी मदद से तब तक सांस लेनी पड़ती थी, जब तक वो वयस्क न हो जाएं, लेकिन पॉल की हालत 20 साल बाद भी ठीक नहीं हुई। लिहाजा डॉक्टर्स को उन्हें हमेशा इसी मशीन में रखने का फैसला लेना पड़ा।
इतनी मुश्किल जिंदगी भी पॉल का हौसला नहीं डिगा पाई। उन्होंने मशीन में बंद रहकर ही पढ़ाई पूरी की। लॉ करने के बाद उन्होंने अपग्रेडेड व्हीलचेयर की मदद से कुछ समय तक वकालत की प्रैक्टिस भी की। बाद में उन्होंने अपनी बायोग्राफी लिखी। यह किताब लिखना भी उनके लिए आसान नहीं था। उन्हें प्लास्टिक स्टिक की मदद से कीबोर्ड चलाना पड़ता था। लिहाजा किताब पूरी करने में 8 साल लग गए।
दरअसल, पॉल की तरह दुनिया में कई लोगों ने आयरन लंग्स का इस्तेमाल किया लेकिन फिलहाल वो दुनिया में एकमात्र व्यक्ति हैं जो इनका इस्तेमाल कर रहे हैं।