भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों के निष्क्रिय खातों और बिना दावे वाली जमा राशि की मात्रा को कम करने के लिए मंगलवार को एक साल की प्रोत्साहन योजना लाने की घोषणा की। इस योजना के तहत बैंकों को खातों के निष्क्रिय रहने की अवधि और उसमें मौजूद जमा राशि के आधार पर अलग-अलग दरों पर प्रोत्साहन मिलेगा। यह योजना एक अक्टूबर, 2025 से 30 सितंबर, 2026 तक लागू रहेगी।
आरबीआई के मुताबिक, जिन बैंक खातों में 10 साल से अधिक समय तक लेन-देन नहीं होता है, उनकी जमा राशि डीईए कोष में स्थानांतरित कर दी जाती है। हालांकि, जमाकर्ता बाद में भी यह रकम वापस ले सकते हैं। जून 2025 तक बिना दावे वाली इस तरह की जमा राशि 67,000 करोड़ रुपए से अधिक थी।
आरबीआई की प्रोत्साहन योजना के तहत, किसी खाते के चार साल तक निष्क्रिय रहने पर बैंक को उस जमा राशि का पांच प्रतिशत या अधिकतम 5,000 रुपये, जो भी कम हो, प्रोत्साहन राशि मिलेगी। 10 साल से अधिक समय से निष्क्रिय पड़े खातों के लिए यह राशि 7.5 प्रतिशत या अधिकतम 25,000 रुपए तक होगी। आरबीआई ने कहा कि बैंकों को यह दावा तिमाही आधार पर पेश करना होगा और इसे शीर्ष प्रबंधन द्वारा नामित वरिष्ठ अधिकारी के हस्ताक्षर से सत्यापित करना होगा। एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma