इसके चालू वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के छह प्रतिशत पर रहने का अनुमान है जो बीते वर्ष एक फरवरी को पेश बजट में 5.9 प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा अधिक है। इक्रा ने 2024-25 के अंतरिम बजट को लेकर उम्मीद पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि हालांकि प्रत्यक्ष कर और केंद्रीय जीएसटी संग्रह 2023-24 के बजट अनुमान से क्रमश: एक लाख करोड़ रुपए और 10000 करोड़ रुपए पार जाने का अनुमान है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संसद में एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। इक्रा के अनुसार, केंद्र का पूंजी व्यय बजट अनुमान 10 लाख करोड़ रुपए से 75000 करोड़ रुपए कम रह सकता है। हालांकि इसके बावजूद यह सालाना आधार पर 26 प्रतिशत अधिक होगा।
विनिवेश लक्ष्य के बारे में इक्रा ने कहा कि बाजार में सौदों के लिहाज से जारी अनिश्चितताओं को देखते हुए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 50000 करोड़ रुपए से कम का लक्ष्य उपयुक्त लगता है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, कुछ बड़ी कंपनियों के विनिवेश में देरी को देखते हुए 50000 करोड़ रुपए से कम का विनिवेश लक्ष्य उपयुक्त जान पड़ता है।
लेकिन जीडीपी के प्रतिशत के रूप में यह कुछ अधिक छह प्रतिशत हो सकता है। इसका कारण बाजार मूल्य पर जीडीपी है जिसके बजट अनुमान से कम रहने की संभावना है। इक्रा के अनुसार, अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 5.3 प्रतिशत रखे जाने का अनुमान है, जबकि 2025-26 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 4.5 प्रतिशत रखा जा सकता है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour