Interim Budget 2024-25 : उद्योग जगत का मानना है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अपने अंतरिम बजट में विनिर्माण को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बड़ी राशि निर्धारित करने और कराधान मोर्चे पर राहत देते हुए सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं पर अधिक ध्यान देंगी।
उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने विनिर्माण में गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक विनिर्माण के लिए राष्ट्रीय मिशन शुरू करने का सुझाव दिया है। सीआईआई ने बजट को लेकर वित्त मंत्रालय को दिए अपने प्रस्ताव में कहा है, मिशन के तहत तकनीकी रूप से अत्याधुनिक विनिर्माण उद्योग के निर्माण के लिए परिवेश को मजबूत किया जाना चाहिए और विनिर्माण क्षेत्र में बदलावकारी प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तेजी लानी चाहिए।
उद्योग मंडल ने रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए परिधान, खिलौना, जूता-चप्पल जैसे श्रम-गहन क्षेत्रों में पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना) का विस्तार करने की वकालत की है। साथ ही आयात पर निर्भरता कम करने के लिए ऐसे पूंजीगत सामान, रसायन जैसे क्षेत्रों को भी इसके दायरे में लाने का सुझाव दिया है जिसमें आयात अधिक है लेकिन घरेलू स्तर पर क्षमता है।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता को देखते हुए आर्थिक वृद्धि और राजकोषीय मजबूती के बीच संतुलन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 5.9 प्रतिशत रहने का लक्ष्य रखा है। इसे बरकरार रखा जाना चाहिए। साथ ही अगले वित्त वर्ष 2024-25 में इसे कम कर 5.4 प्रतिशत पर लाने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके लिए एक तरफ वृद्धि के लिए गुंजाइश बनाते हुए राजस्व बढ़ाने और व्यय को तर्कसंगत बनाने को लेकर कदम उठाने आवश्यकता है।
उद्योग मंडल फिक्की ने कहा, भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और वर्तमान वैश्विक गतिविधियों और संबंधित प्रतिकूलताओं को देखते हुए, सरकार को आगामी बजट में सार्वजनिक पूंजीगत व्यय (भौतिक, सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे पर) पर जोर देना जारी रखना चाहिए। वित्तमंत्री ने 2023-24 के बजट में पूंजीगत व्यय 37.4 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए किया था।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour