आईस्पेस' का यह दूसरा प्रयास : टोकियो स्थित ' है जिसका पहला यान 2 साल पहले चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस बार अध्ययन के लिए यान में चंद्रमा की मिट्टी को इकट्ठा करने के वास्ते एक 'स्कूप' के साथ एक रोवर है तथा भविष्य के अनुसंधानकर्ताओं के लिए संभावित भोजन एवं पानी के स्रोतों का परीक्षण करने की योजना है।
'आईस्पेस' के यान का नाम 'रेजिलिएंस' है, जो 'फायरफ्लाई' के यान से थोड़ा बड़ा है। 'रेजिलिएंस' को चांद पर पहुंचने में 4 से 5 महीने लगेंगे और उसका लक्ष्य मई के अंत या जून की शुरुआत में चांद के नजदीकी हिस्से में और भी सुदूरवर्ती उत्तर में स्थित 'मारे फ्रिगोरिस' में उतरना है।
'आईस्पेस' के संस्थापक सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) ताकेशी हाकामाडा ने इस सप्ताह केप कैनावेरल से कहा कि हमें नहीं लगता कि यह कोई आगे निकलने की होड़ है। कुछ लोग कहते हैं कि चांद पर पहुंचने की होड़ मची है, लेकिन यह उस बारे में नहीं है।(भाषा)(फ़ाइल चित्र)