प्राप्त जानकारी के अनुसार जब जुलूस सामान्य रूप से इमाम हुसैन के मकबरे की ओर आगे बढ़ रहा था, तभी पैदल चलने वाला एक रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया, जिसकी वजह से भगदड़ मच गई और देखते ही देखते कई लोग मौत के मुंह में समाने लगे
सनद रहे कि पवित्र मुहर्रम 10वां दिन जिसे रोज-ए-आशुरा कहते हैं, वह सबसे अहम दिन होता है जो अशूरा पैगंबर मुहम्मद के नवासे इमाम हुसैन 72 साथियों की शहादत की याद में कर्बला में मनाया जाता है और पुरी दुनिया से शिया मतावलंबी यहां पर आते हैं।
1400 साल पहले मुहर्रम के महीने की 10 तारीख को ही इमाम हुसैन को शहीद किया गया था और उन्हीं के गम में मुहर्रम की 10 तारीख को ताजिए निकाले जाते हैं। मंगलवार को भी जब यह रस्म अदा हो रही थी, तब जुलूस में अचानक भगदड़ मच गई।