* मुहर्रम यौमे आशुरा यानी मोहर्रम माह की 10 (दस) तारीख।
* इस दिन खुदा की बड़ी-बड़ी नेमतों की निशानियां जाहिर हुईं और कर्बला की त्रासदी, 'हजरते इमाम हुसैन की शहादत' का भी यही दिन है।
* इस दिन ज्यादातर मुसलमान अपना कारोबार बंद रखते हैं।
* मस्जिदों में नफिल नमाजें अदा कर रोजा रखकर शाम को इफ्तार किया जाता है।
* घरों में किस्म-किस्म के खाने बनाए जाते हैं।
* एक हजार मर्तबा कुल हुवल्लाह पढ़कर मुल्क और मिल्लत की सलामती की दुआएं की जाती हैं।
* इस दिन को पूरे विश्व में बहुत अहमियत, अज्मत और फजीलत वाला दिन माना जाता है।
* इस दिन को 'यौमे आशुरा' कहा जाता है।