नेपाल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में मृतकों की पहचान स्यांगजा के प्रीतम कार्की, इलम के गंगा राज मोक्तान, डोलखा के राज कुमार कार्की, कपिलवस्तु के रूपक कार्की, कास्की के दीवान राय और गोरखा के संदीप थपलिया के रूप में की है। बयान में कहा गया है कि मंत्रालय ने रूस से अनुरोध किया है कि वह युद्ध में मारे गए नेपालियों के शव स्वदेश पहुंचाए और पीड़ित परिवारों को मुआवजा प्रदान करे।
नेपाल ने रूस से यह भी अनुरोध किया है कि वह उसके नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती नहीं करे और यदि किसी नेपाली नागरिक को भर्ती किया गया है, तो उन्हें तुरंत स्वदेश भेज दे। मंत्रालय ने यह भी कहा कि एक नेपाली को रिहा करने के लिए राजनयिक प्रयास जारी हैं, जिसे रूसी सेना की ओर से लड़ने के दौरान यूक्रेन ने बंधक बना लिया है।
काठमांडू पोस्ट अखबार की खबर के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि सरकार द्वारा जान जोखिम में न डालने के अनुरोध के बावजूद लगभग 200 नेपाली मौजूदा समय में रूसी सेना में पदस्थ हैं। अखबार ने कहा कि इसी प्रकार विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, कुछ नेपाली युवा यूक्रेन की सेना में भी कार्य कर रहे हैं लेकिन उनकी सटीक संख्या ज्ञात नहीं है।
काठमांडू पोस्ट के मुताबिक पूर्व में सोशल मीडिया पर कई वीडियो प्रसारित हुए थे जिनमें नेपाली युवाओं को रूस और यूक्रेन की सेनाओं में सेवारत दिखाया गया था। वीडियो में दावा किया गया था कि वे प्रति माह 4,00,000 रुपए तक कमा सकते हैं। नेपाल केवल द्विपक्षीय समझौतों के तहत नेपाली नागरिकों को भारतीय और ब्रिटिश सेना में भर्ती की अनुमति देता है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour