सेना के दखल के बाद सरकार ने दी इमरान खान को प्रदर्शन की इजाजत
बुधवार, 25 मई 2022 (19:17 IST)
इस्लामाबाद। सेना के हस्तक्षेप के बाद पाकिस्तान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के 'आजादी मार्च' को इस्लामाबाद में आयोजित करने की अनुमति दे दी है। इससे पहले, पुलिस और खान की पार्टी के समर्थकों के बीच झड़पों के मद्देनजर सरकार ने राजधानी की तरफ जाने वाली कई मुख्य सड़कों को जगह-जगह कंटेनर और ट्रक लगाकर अवरुद्ध कर दिया।
दुनिया न्यूज चैनल के अनुसार हालात पर पैनी नजर रख रही सेना ने दोनों पक्षों से अपने मतभेद सुलझाने को कहा। सरकार की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी, पूर्व स्पीकर अयाज सादिक और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के नेता व मंत्री मौलाना असद महमूद ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं के साथ बातचीत की। पीटीआई के नेताओं में पूर्व मंत्री शाह महमूद कुरैशी, असद उमर और परवेज खट्टक शामिल थे।
चैनल ने अपने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि पूर्वाह्न 10 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक बातचीत में इस बात पर सहमति बनी कि पीटीआई को इस्लामाबाद में रैली करने की अनुमति दी जाएगी और उसके समर्थक शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद वापस लौट आएंगे।
यह भी सहमति बनी कि सभी अवरोधकों को हटा दिया जाएगा और सरकार द्वारा नेशनल असेंबली को भंग करने तथा नए सिरे से चुनाव कराने के लिए दबाव बनाने को लेकर खान द्वारा आहूत रैली में आने वाले लोगों के लिए कोई बाधा नहीं पैदा की जाएगी।
दोनों पक्षों की ओर से समझौते के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। देश के 75 साल के इतिहास में आधे समय से ज्यादा तक सेना सत्ता में रही है और सुरक्षा तथा विदेश नीति के मामलों में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल किए गए खान ने स्पष्ट तौर पर सेना का समर्थन खो दिया था क्योंकि उन्होंने पिछले साल खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख की नियुक्ति का समर्थन करने से इनकार कर दिया था।
इस बीच, खान (69) ने कहा कि वह रैली को आयोजित करने के लिए किसी भी कीमत पर इस्लामाबाद जाएंगे, जिस पर पूर्व में सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था। खान अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ ट्रक पर सवार होकर मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।
खैबर-पख्तूनख्वा में एम-2 मोटरवे पर स्वाबी चौराहे पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि चोर और अमेरिका के नौकर इस्लामाबाद में शासन कर रहे हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया और कहा कि मार्च इस्लामाबाद के डी-चौक पर रैली आयोजित करने की योजना के अनुसार आगे बढ़ेगा।
जिस जगह रैली आयोजित की जाएगी वहां पास में कई महत्वपूर्ण सरकारी भवन स्थित हैं। इनमें राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और उच्चतम न्यायालय शामिल हैं। इससे पहले दिन में उच्चतम न्यायालय ने अधिकारियों को खान की पार्टी को रैली के लिए एक वैकल्पिक स्थान प्रदान करने का निर्देश दिया, ताकि वे प्रदर्शन कर सकें और फिर घर जा सकें।
अदालत ने इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त को पीटीआई कार्यकर्ताओं को रैली के लिए वैकल्पिक स्थल उपलब्ध कराने और प्रदर्शनकारियों के लिए यातायात योजना तैयार करने का आदेश दिया। अधिकारियों ने दर्जनों कंटेनर और ट्रकों को खड़ा करके इस्लामाबाद की ओर जाने वाली प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और विरोध मार्च को नाकाम करने के प्रयास में खान के कई समर्थकों को गिरफ्तार किया।
एक दिन पहले सरकार ने खान की रैली पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार ने शुरू में विरोध प्रदर्शन की अनुमति दे दी थी, लेकिन हिंसा और अराजकता की आशंका के मद्देनजर मंगलवार को इसकी मंजूरी देने से इनकार कर दिया।
बुधवार को विभिन्न शहरों में कार्रवाई शुरू की गई और पुलिस ने आजादी मार्च में शामिल होने से रोकने के लिए पीटीआई के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और उसके कुछ नेताओं को गिरफ्तार किया। सरकार ने लाहौर, रावलपिंडी, इस्लामाबाद और कराची समेत अन्य प्रमुख शहरों में बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए धारा 144 लागू की।(भाषा)