कैरी का कहना है कि उन्होंने अपनी फिल्म को कोडक लैब, रोचेस्टर न्यूयॉर्क में भेजा था और तब टेक्नीशियन्स ने इस बात का पता लगाया था कि फिल्म का इमल्शन्स उस स्टॉक के जैसा था जो कि वर्ष 1947 में उत्पादित किया गया था। कैरी का कहना है कि यह 1947 की असली तस्वीर है, जिसमें एक एलियन को आंशिक तौर पर कटी हुई अवस्था में पड़े दिखाया गया था। विदित हो कि पूर्व में लॉकहीड-मार्टिन के एक वैज्ञानिक बॉयड बुशमैन का कहना है कि नेवादा के एरिया 51 टॉप सीक्रेट मिलिट्री रिसर्च बेस में कुछ जिंदा पकड़े गए एलियन्स को रखा गया था, लेकिन एक अन्य यूएफओ शोधकर्ता ने कैरी की तस्वीरों को संदिग्ध करार दिया है।