bangladesh crisis News update : भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा है। आरक्षण मुद्दे को लेकर युवा उग्र हो चुके हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़कर भाग गई हैं। सेना ने सत्ता की कमान अपने हाथों में ले ली है। पड़ोसी देश की उथल-पुथल का असर भारत पर भी पड़ सकता है। शेख हसीना ने बांग्लादेश की कमान संभालने के बाद कट्टरपंथियों पर लगाम लगाई थी और भारत विरोधी गतिविधियां संचालित कर रहे संगठनों पर भी अंकुश लगाया था।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण : भारत ने ही 6 दिसंबर, 1971 को बांग्लादेश को एक स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दी थी। हालांकि तब वह पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा था। बांग्लादेश की सीमाएं 3 तरफ से भारत से घिरी हैं और भारत के लिए रणनीतिक के साथ ही व्यापारिक और सुरक्षा की दृष्टि से भी पड़ोसी देश की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण हैं। शेख हसीना के परिवार के साथ भारत के संबंध प्रगाढ़ रहे हैं।
चीन की हरकत पर नजर : भारत ने बांग्लादेश में भारी निवेश किया है और दोनों देशों के बीच छिटपुट सीमा विवाद को छोड़कर कभी बड़े विवाद की स्थिति नहीं बनी है। पिछले 5 वर्षों में चीन ने बांग्लादेश में भारी निवेश किया है। बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट चीन का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। अब भारत की निगाहें चीन पर भी हैं कि वह इन हालातों में क्या कदम उठाता है। भारत ने बांग्लादेश से लगी सीमाओं पर सुरक्षा को और कड़ी कर दिया है।