इसके बाद अमेरिका ने ईरान पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका ने ईरान पर पांच नवंबर से नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। अंतरराष्ट्रीय निगरानी समूहों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ईरान की तेल आधारित अर्थव्यवस्था को चरमराना चाहते हैं ताकि उसे उसकी परमाणु महत्वाकांक्षाओं और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को बंद करने के लिए बाध्य कर सके। अमेरिका ईरान पर सीरिया, यमन और लेबनान जैसे देशों में आतंकवादियों को समर्थन देने का आरोप भी लगाता रहा है।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी।