British MP Craig McKinley: ब्रिटिश संसद के निचले सदन 'हाउस ऑफ़ कॉमन्स' के एक बीमार सांसद, बुधवार 22 मई को जब संसद में लौटे, तो उनके दोनों हाथों और दोनों पैरों के निचले आधे हिस्से नहीं थे! वे प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की टोरी पार्टी के एक सांसद हैं। 57 वर्षीय क्रेग मैकिन्ले का जीवन सेप्सिस (रक्त विषाक्तता) के कारण गंभीर ख़तरे में था। पिछले वर्ष सितंबर में उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। वहां 16 दिनों तक उन्हें कृत्रिम कॉमा में रखा गया।
बुधवार 22 मई को जब वे प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ संसद में पहुंचे और अपना स्थान ग्रहण किया, तो सभी लोगों ने खड़े हो कर तालियां बजाते हुए गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। स्वागत से अभिभूत मैकिन्ले ने इसे अपने जीवन का एक बहुत ही 'भावप्रवण दिन' बताया।
मैं भाग्यशाली कि जीवित हूं : सेप्सिस के कारण पिछले वर्ष सितंबर में क्रेग मैकिन्ले की हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि डॉक्टरों को अंततः दिसंबर 2023 में उनके कई अंग काटने पड़े। BBC को उन्होंने बताया कि उनकी 'कोहनी से ऊपर और घुटनों से ऊपर' का हिस्सा बचाने के लिए, डॉक्टरों को उनके दोनों हाथों और पैरों के वे हिस्से काटने पड़े, जो कोहनी और घुटनों से नीचे हैं। उनका कहना था कि मैं भाग्यशाली था कि मैं जीवित हूं।
लड़ना चाहते हैं चुनाव : प्रधानमंत्री सुनक की टोरी पार्टी के सांसद क्रेग मैकिन्ले, अपनी शारीरिक बाधाओं के बावजूद, इस साल के आम चुनाव में खड़े होना चाहते हैं। प्रधानमंत्री सुनक ने 22 मई को घोषित किया कि चुनाव के लिए मतदान 4 जुलाई को होगा। ब्रिटिश मीडिया के अनुसार, उनकी पार्टी का जीतना इस बार संभव नहीं लगता। जनमत सर्वेक्षणों में विपक्षी लेबर पार्टी सबसे आगे चल रही है। सुनक ने, लंबे समय के बाद संसद में लौटे मैकिन्ले के 'अविश्वसनीय लचीलेपन' की प्रशंसा की। विपक्षी लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर ने भी मैकिन्ले के 'साहस और दृढ़ संकल्प' की सराहना की।
जब डॉक्टरों ने कहा काटने पड़ेंगे अंग : मैकिन्ले बेहोशी से जब जागे, तो उन्होंने देखा कि उनके हाथ-पैर पूरी तरह से काले हो गए हैं –– 'प्लास्टिक की तरह'। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ, जब डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनके अंग काटने पड़ेंगे। वे 2015 से हाउस ऑफ कॉमन्स में टोरी पार्टी के सांसद हैं। इस साल के संसदीय चुनाव में वे फिर से भाग लेना चाहते हैं। यदि टोरी पार्टी उन्हें फिरसे अपना प्रत्याशी बनाती है, तो हो सकता है कि उनकी बीमारी और विकलांगता की साहसिक कहानी, उनके मतदाताओं के मन में भी ऐसी सहानूभूति जगाए कि हवा, टोरी पार्टी के प्रतिकूल होते हुए भी, वे अपने चुनाव-क्षेत्र में इस बार भी जीत जाएं।