उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमारा मानना है कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास से छुट गया मुद्दा है। इसका समाधान दोनों देशों के बीच उपयुक्त ढंग से वार्ता के माध्यम से होना चाहिए। गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र से गुजरने वाली 46 अरब डॉलर की चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी), जिस पर भारत ने चीन के सामने विरोध दर्ज कराया है, के बारे में हुआ ने कहा कि सीपीईसी प्रासंगिक (कश्मीर) मुद्दे पर चीन का रुख नहीं प्रभावित करेगा।
भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की सीमा पर स्थित गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र को 5वां प्रांत बनाने की उसकी किसी भी संभावित कोशिश को गुरुवार को पूरी तरह अस्वीकार्य करार दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने नई दिल्ली में कहा कि ऐसा कोई भी कदम जम्मू-कश्मीर के हिस्सों पर पाकिस्तान के कब्जे की अवैधता को नहीं ढंक पाएगा और उसे इन क्षेत्रों को अवश्य ही अविलंब खाली करना चाहिए। (भाषा)