चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मीडिया को बताया, पाकिस्तान और भारत के बीच व्याप्त तनाव पर हाल में ही चीन की ओर से दोनों देशों से विभिन्न माध्यमों के जरिए वार्ता शुरू की गयी है। चीन से सवाल किया गया कि उड़ी हमले के बाद इस सप्ताह के शुरुआत में भारत और चीन के बीच पहले आतंक निरोधी वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया था तभी जवाब में चीन ने बताया, हमें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान अपनी वार्ता को बेहतर बना सकते हैं और शांति व क्षेत्रों में सुरक्षा कायम करने के लिए उचित रूप से कार्रवाई करेंगे।
गेंग ने कहा कि चीन की ओर से विभिन्न स्तरों पर दोनों देशों से संपर्क कायम होता है। उन्होंने बताया, भारत और पाकिस्तान के साथ चीन के दोस्ताना संबंध हैं। चीन को उम्मीद है कि दोनों देश अपनी परिस्थितियों से उचित रूप से निबटेंगे और विभिन्न पहलुओं पर संयुक्त रूप से काम करेंगे।
प्रेस ब्रीफिंग में प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा, जहां तक पाकिस्तान और भारत में तनाव का सवाल है तो चीन दोनों पक्षों के साथ विभिन्न चैनलों के माध्यम से संवाद कर रहा है। उरी आतंकी हमले के बाद चीन कूटनीतिक तौर पर संतुलन के लिए सतर्क बयान दे रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि चीन भारत और पाकिस्तान का पड़ोसी मित्र देश है।
चीन ने जहां उरी हमले की कड़े शब्दो में निंदा की, वहीं ये भी कहा कि स्थिरता कायम रखने के लिए सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, भारत की भी जिम्मेदारी है। जाहिर है चीन की कोशिश यही है कि अपने बयान से किसी भी पक्ष को नाराज ना किया जाए और अपना तटस्थ रवैया भी दिखाया जाए. गुरुवार को पाकिस्तान ने कश्मीर पर अपने विशेष दूतों के तौर पर दो सांसदों को चीन भेजा. ये दोनों सांसद चीन के उप विदेश मंत्री लियू झेनमिन से मुलाकात करेंगे।