बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को कहा कि देश अगले साल से विकास मॉडल को बदलने जा रहा है। नए मॉडल में निर्यात उन्मुख वृद्धि के बजाए घरेलू खपत पर जोर होगा और उस पर भरोसा किया जाएगा। चीन के निर्यात उन्मुख विकास मॉडल ने अमेरिका के बाद उसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में मदद की है।
एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) सीईओ वार्ता को वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए 67 वर्षीय शी ने कहा, अगले साल से चीन एक आधुनिक समाजवादी देश के निर्माण की दिशा में नई यात्रा शुरू करेगा।उन्होंने कहा, हम नए विकास के रास्ते को बढ़ावा देंगे जिसमें घरेलू बाजार पर जोर होगा। घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा, विकास का नया स्वरूप एक रणनीतिक फैसला है। हमने चीन की मौजूदा और विकास की स्थिति के आधार पर यह निर्णय किया है। आर्थिक वैश्वीकरण और बाह्य परिवेश में बदलाव को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है।
चीन एक समय दुनिया का कारखाना माना जाता था, लेकिन वैश्विक बाजारों में गिरावट और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार युद्ध के साथ चीन की प्रौद्योगिकी कंपनियों हुआवेई और टिकटॉक जैसी इकाइयों पर पाबंदी से स्थिति बदली है।
शी ने विकास मॉडल में बदलाव के कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि विदेशी बाजारों और संसाधनों पर निर्भरता में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में विदेशी व्यापार का अनुपात 2006 में 67 प्रतिशत था जो 2019 में कम होकर 32 प्रतिशत पर आ गया। वहीं जीडीपी के अनुपात के रूप में चालू खाते का अधिशेष 2007 में 9.9 प्रतिशत था, जो घटकर अब एक प्रतिशत पर आ गया है।(भाषा)