चीन दुनिया के देशों से भले ही दोस्ती का दिखावा करता है, लेकिन उसके पीछे उसकी विस्तारवाद की खौफनाक साजिश होती है। चीन ने दोस्ती के नाम पर अब तक भारत, नेपाल, भूटान और अन्य पड़ोसियों को धोखा दिया है। रूस-यूक्रेन युद्ध में चीन रूस का साथ दे रहा है।
कई बार चीन अपने नक्शे में पड़ोसी देशों के शहरों को अपने नाम से दिखाता है, ऐसा ही उसने रूस के साथ किया है। रूस और चीन एक रणनीतिक, "कोई सीमा नहीं साझेदारी" साझा करते हैं। यह चीन को रूसी क्षेत्रों के नाम बदलने से नहीं रोक रहा है और उन्हें अपने क्षेत्र के रूप में दिखाने के लिए प्रेरित कर रहा है। नया नक्शा रूसी शहरों को चीनी नामों से दिखाता है।
बीजिंग के राजनयिकों और मुखपत्रों ने रूसी सीमा भूमि पर दावा करने के लिए एक ठोस अभियान शुरू किया। यानी चीन रूस के साथ भी दोस्ती के नाम से छलावा कर रहा है।
'व्लादिवोस्तोक' या 'हैशेनवाई'? : व्लादिवोस्तोक शहर को लेकर मामला उठा चीन के राजनयिक ने ट्वीट में कहा था कि "व्लादिवोस्तोक (शाब्दिक रूप से 'पूर्व का शासक') का इतिहास 1860 से है जब रूस ने एक सैन्य बंदरगाह बनाया था।" लेकिन बीजिंग की असमान संधि के माध्यम से रूस द्वारा कब्जा किए जाने से पहले यह शहर चीनी भूमि के रूप में हैशेनवाई था।