how UPI apps make money: डिजिटल इंडिया के दौर में UPI ऐप्स ने हमारी जिंदगी को बेहद आसान बना दिया है। अब न नकदी रखने की झंझट, न ही बैंक के लंबे चक्कर लगाने की जरूरत। बस मोबाइल पर एक ऐप खोलें और सेकंडों में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं। गली के पान वाले से लेकर बड़े शॉपिंग मॉल तक, हर जगह QR कोड स्कैन करके पेमेंट करना आम बात हो गई है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि Google Pay, PhonePe, Paytm जैसे ऐप्स जो हमें मुफ्त में पैसे भेजने और लेने की सुविधा देते हैं, वो खुद कैसे कमाई करते हैं? अगर यह सवाल आपके मन में भी आता है, तो आइए इसे आसान और गहराई से समझते हैं।
1. UPI ट्रांजैक्शन से सीधे कमाई नहीं, लेकिन…
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि UPI ट्रांजैक्शन पर रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने किसी भी तरह का शुल्क नहीं लगाया है, यानी जब हम UPI से पेमेंट करते हैं तो न भेजने वाले और न ही पाने वाले से कोई फीस ली जाती है। ऐसे में सीधी कमाई का रास्ता बंद लगता है, लेकिन असल में इन ऐप्स का बिज़नेस मॉडल काफी स्मार्ट है। वे हमारे पेमेंट डेटा, पार्टनरशिप, और अलग-अलग सर्विस के जरिए पैसा कमाते हैं।
2. मर्चेंट पेमेंट से कमीशन
जब आप किसी दुकान, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप या ऑनलाइन स्टोर पर UPI ऐप से पेमेंट करते हैं, तो कई बार व्यापारी (Merchant) को पेमेंट गेटवे फीस देनी पड़ती है। छोटे ट्रांजैक्शन पर यह फीस नहीं होती, लेकिन बड़े या खास पेमेंट मोड (जैसे क्रेडिट कार्ड से लिंक्ड UPI) पर ऐप्स को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) के रूप में कमीशन मिलता है। PhonePe और Paytm जैसे प्लेटफॉर्म इससे अच्छी कमाई करते हैं, खासकर बड़े ब्रांड्स और ई-कॉमर्स कंपनियों से।
3. बिल पेमेंट और रिचार्ज सर्विस से फायदा
इन ऐप्स में बिजली, पानी, गैस, मोबाइल रिचार्ज, DTH रिचार्ज, मेट्रो कार्ड रिचार्ज जैसी कई सेवाएं मौजूद हैं। जब भी आप इनके जरिए पेमेंट करते हैं, तो कंपनी को उस सर्विस प्रोवाइडर से एक कमीशन मिलता है। भले ही आपको यह ट्रांजैक्शन फ्री लगे, लेकिन बैकएंड में कंपनी के लिए यह रेवन्यू जनरेट करता है।
4. लोन और बीमा बेचकर कमाई
आजकल UPI ऐप्स सिर्फ पेमेंट तक सीमित नहीं हैं। Google Pay, Paytm, PhonePe ने पर्सनल लोन, शॉर्ट-टर्म क्रेडिट, और इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स बेचना भी शुरू कर दिया है। वे बैंकों और NBFCs के साथ टाई-अप करके लोन प्रोसेस करवाते हैं, और हर अप्रूव्ड लोन पर उन्हें एक रेफरल कमीशन मिलता है। यही नहीं, हेल्थ और ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी बेचकर भी ये ऐप्स मुनाफा कमाते हैं।
5. निवेश प्रोडक्ट्स से रेवन्यू
इन ऐप्स पर आपको म्यूचुअल फंड, गोल्ड बॉन्ड, डिजिटल गोल्ड, और यहां तक कि शेयर मार्केट में निवेश करने के ऑप्शन भी मिलते हैं। जब भी कोई यूज़र इन प्लान्स में पैसा लगाता है, तो ऐप को उस ट्रांजैक्शन से एक छोटा प्रोसेसिंग शुल्क या कमीशन मिलता है।
6. डेटा एनालिटिक्स और टारगेटेड मार्केटिंग
हालांकि यह हिस्सा सीधे यूज़र की प्राइवेसी से जुड़ा है, लेकिन कानूनी दायरे में रहते हुए कंपनियां आपके पेमेंट पैटर्न और खर्च करने की आदतों का डेटा एनालिसिस करती हैं। इसके आधार पर वे आपको टारगेटेड ऑफर, कैशबैक, और डिस्काउंट दिखाती हैं, जिससे आपको खरीदारी के लिए प्रेरित किया जाता है और पार्टनर ब्रांड्स से इन्हें कमीशन मिलता है।
7. प्रीमियम फीचर्स और सब्सक्रिप्शन सर्विस
Paytm जैसी कंपनियां अपने यूज़र्स को प्रीमियम सर्विस भी देती हैं, जैसे फास्ट टोल पेमेंट (FASTag), वॉलेट लिमिट बढ़ाना, या बिज़नेस अकाउंट के लिए एडवांस पेमेंट सॉल्यूशन। इन सेवाओं के लिए यूज़र या व्यापारी से चार्ज लिया जाता है।
8. विज्ञापन से कमाई
जब आप UPI ऐप खोलते हैं, तो आपको कई बार ब्रांड्स के ऑफर और प्रोडक्ट्स का प्रमोशन दिखता है। ये विज्ञापन भी कंपनियों की कमाई का एक बड़ा जरिया हैं। जितना बड़ा यूज़र बेस, उतना ज्यादा विज्ञापन का मौका, और उतनी ही ज्यादा कमाई।
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