देर शाम बात करते हुए, चिराग ने अपने चाचा को हाल ही में दिल्ली में राजग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए स्वागत की याद दिलाई। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री द्वारा सबके सामने मुझे गले लगाए जाने के कुछ ही दिनों बाद उन्हें इस तरह के बयान देते हुए सुनना हैरान करने वाला है। इस तरह के बयान गठबंधन को बदनाम करते हैं।
चिराग ने कहा, जब मैं अपने पिता की मृत्यु के बाद कठिन दौर से गुजर रहा था तो प्रधानमंत्री मेरे साथ खड़े रहे थे। यही कारण है कि जब मैं औपचारिक रूप से राजग का हिस्सा नहीं था, तब भी मैंने कभी उनके खिलाफ नहीं बोला।
चिराग ने यह भी कहा, प्रधानमंत्री के साथ मेरे बेहतर रिश्ते के कारण ही मैंने पिछले साल कुछ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया था, हालांकि उस समय मैं राजग में नहीं था। जमुई के सांसद चिराग ने यह भी कहा कि वह अपने दिवंगत पिता के क्षेत्र हाजीपुर के बारे में पारस से बात करने के लिए तैयार हैं, जिसका प्रतिनिधित्व उनके चाचा लोकसभा में करते हैं।
पारस ने शनिवार को यहां घोषणा की थी कि वह अगले साल लोकसभा चुनाव में हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे। पारस ने चिराग के इस दावे को खारिज कर दिया था कि उन्हें यह सीट मिलनी चाहिए, क्योंकि वह दिवंगत पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)