राजनाथ का वियतनाम दौरा, रक्षा समझौते से बढ़ेगी चीन की परेशानी
बुधवार, 8 जून 2022 (15:48 IST)
हनोई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को वियतनाम के अपने समकक्ष जनरल फान वान गियांग के साथ मुलाकात की और दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। इससे चीन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सिंह इस दक्षिण-पूर्व एशियाई देश की 3 दिन की यात्रा पर हैं।
वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय में राजनाथ सिंह को 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया और जनरल गियांग ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया कि रक्षामंत्री ने जनरल गियांग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों नेताओं ने मौजूदा रक्षा सहयोग पर संतोष व्यक्त किया और इस साझेदारी को समृद्ध करने के लिए और रास्ते तलाशने पर सहमति जताई।
सिंह ने ट्वीट किया कि वियतनाम के रक्षामंत्री जनरल फान वान गियांग के साथ मुलाकात बेहतरीन रही। हमने द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार पर बातचीत दोबारा शुरू की। हमारे बीच घनिष्ठ रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। सिंह ने कहा कि हमने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों को प्रगति के लिए प्रभावी एवं व्यावहारिक पहलों पर व्यापक चर्चा की।
उन्होंने कहा कि गहन विचार-विमर्श के बाद हमने 'ज्वॉइंट विजन स्टेटमेंट ऑन इंडिया-वियतनाम डिफेंस पार्टनरशिप टुवर्ड्स 2030' (वर्ष 2030 को लक्षित भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर संयुक्त दृष्टिकोण) पर हस्ताक्षर किए, जो हमारे रक्षा सहयोग के दायरे को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा।
चीन की क्षेत्र में बढ़ती आक्रामकता तथा समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में भारत और वियतनाम के बीच बढ़ती सहमति के बीच द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों का विस्तार करने के लिए 'विजन' दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए हैं। रक्षामंत्री सिंह का वियतनाम के राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक और प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से भी मुलाकात करने का कार्यक्रम है।
इससे पहले सिंह ने वियतनाम के संस्थापक हो ची मिन्ह की समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी। उन्होंने यहां वियतनाम के वीर योद्धाओं और शहीदों के सम्मान में बने 'मॉन्यूमेंट ऑफ वॉर हीरोज एंड मार्टरस' (युद्ध नायकों और शहीदों का स्मारक) पर भी पुष्पांजलि अर्पित की थी।
नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि सिंह की 8 से 10 जून तक होने वाली वियतनाम यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के साथ-साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना है। वियतनाम, आसियान (दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) का एक महत्वपूर्ण देश है और उसका दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद है।
भारत, दक्षिण चीन सागर में वियतनामी समुद्र क्षेत्र में तेल निकालने संबंधी परियोजनाएं चला रहा है। भारत और वियतनाम साझा हितों की रक्षा के वास्ते पिछले कुछ वर्षों में अपने समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
जुलाई 2007 में वियतनाम के तत्कालीन प्रधानमंत्री गुयेन तान डुंग की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को 'रणनीतिक साझेदारी' का दर्जा दिया गया था। 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वियतनाम यात्रा के दौरान इस दर्जे को बढ़ाकर 'व्यापक रणनीतिक साझेदारी' कर दिया गया था। वियतनाम, भारत की 'एक्ट ईस्ट नीति' और 'इंडो-पैसिफिक विजन' में एक महत्वपूर्ण भागीदार बन गया है।